भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 26 अप्रैल, 2021 को बैंकों के प्रशासन के लिए कुछ जरुरी दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनमें निजी बैंक, लघु वित्त बैंक (SFBs) और विदेशी बैंकों की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियां शामिल थीं.
भारत के शीर्ष बैंक ने यह स्पष्ट किया कि, ये दिशानिर्देश भारत में शाखाओं के तौर पर काम करने वाले विदेशी बैंकों पर लागू नहीं होंगे.
RBI ने यह भी कहा कि, इन दिशानिर्देशों को तत्काल प्रभाव में लागू किया जा रहा है, जबकि संशोधित आवश्यकताओं को सुचारू रूप से लागू करने के लिए, बैंकों को 01 अक्टूबर, 2021 तक इन निर्देशों का पालन करने की अनुमति दी गई है.
मुख्य विशेषताएं
• भारतीय रिजर्व बैंक के इन नवीनतम दिशानिर्देशों के अनुसार, एक बैंक के प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य आर्थिक अधिकारी (CEO) MD या पूर्ण कालिक निदेशक (WTD) का पदभार एक ही व्यक्ति द्वारा 15 वर्षों से अधिक समय तक नहीं निभाया जा सकता है.
• RBI ने एक बयान में यह कहा है कि, अगर बोर्ड द्वारा ऐसा आवश्यक और वांछनीय माना जाता है तो तीन साल के न्यूनतम अंतराल के बाद ही, अन्य शर्तों को पूरा करने वाले योग्य बैंक अधिकारी एक ही बैंक में MD एवं CEO या WTD के तौर पर पुन: नियुक्ति के लिए पात्र होंगे.
• इसके अलावा, वे MD/ CEO या WTD, जो बैंक के एक प्रमुख शेयरधारक भी हैं, 12 से अधिक वर्षों तक इन पदों पर कार्य नहीं कर सकते हैं.
• RBI ने यह भी कहा कि, वह “असाधारण परिस्थितियों” में किसी प्रमुख शेयरधारक/ प्रमोटर WTD / MD एवं CEO को 15 साल के लिये अपने पद पर कार्य करने की अनुमति दे सकता है.
• 12 या 15 साल की अवधि के भीतर ऐसे MD एवं CEO या WTDs की पुन: नियुक्ति के मामले की जांच करते समय, RBI द्वारा प्रमोटर्स की शेयरहोल्डिंग को कम करने के लिए प्रगति और मुख्य सिद्धांतों के पालन का स्तर भी RBI द्वारा निधारित किया जाएगा.
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