भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 8 फरवरी 2017 को अपने लिए पृथक प्रवर्तन विभाग स्थापित किये जाने की घोषणा की गयी.
इस विभाग का गठन आरबीआई के दिशा-निर्देशों तथा नियमों के उल्लंघन के मामलों में त्वरित तथा प्रभावी कार्रवाई करने और ऐसे मामलों पर लगाम लगाने के लिए किया जायेगा.
रिजर्व बैंक ने द्वैमासिक समीक्षा में कहा कि वह एक अलग प्रवर्तन विभाग गठित कर रहा है जो अगले वित्त वर्ष से काम शुरू करेगा. यह विभाग केंद्रीय बैंक द्वारा लागू नियमों का अनुपालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगा.
यह जानकारी आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की दो दिवसीय बैठक के बाद नीतिगत बयान जारी करने के दौरान गवर्नर उर्जित पटेल द्वारा दी गयी.
रिज़र्व बैंक द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि वित्तीय क्षेत्र में तीन महत्वपूर्ण कार्य हैं – नियमन, निगरानी एवं प्रवर्तन. वर्तमान में नियमन एवं निगरानी के कार्यों के लिए अलग से व्यवस्था तय है जबकि प्रवर्तन के लिए पृथक ईकाई आवश्यक है.
मुख्य बिंदु
• वर्तमान में जिन बैंकों द्वारा नियमों का उल्लंघन किया जाता है उसके लिए बैंकिंग और गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग कार्य कर रहे हैं.
• प्रवर्तन विभाग बैंकों पर लगाए गए दंड के लिए केंद्रीकृत संस्था के रूप में कार्य करेगा. इसके लिए रिज़र्व बैंक से अनुवर्ती सहायता दी जाएगी.
• यह नियमों के गैर-अनुपालन के मामलों को देखेगा तथा नियमों की प्रक्रिया पर भी निगरानी रखेगा.
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