रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने 3 अक्टूबर 2016 को रक्षा क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय समझौता किया. अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कम्पनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने फ़्रांस की दसॉल्ट के साथ विमानन क्षेत्र में साझा उपक्रम बनाने हेतु घोषणा की.
राफेल लड़ाकू विमान बनाने वाली कम्पनी दसॉल्ट के साथ मिलकर रिलायंस दसॉल्ट-रिलायंस एरोस्पेस का गठन करेगी. यह समझौता लगभग 22,000 करोड़ रुपये में किया गया. गौरतलब है कि रिलायंस ने जनवरी 2015 में रक्षा क्षेत्र में प्रवेश किया था.
रिलायंस समूह द्वारा संयुक्त उपक्रम हेतु नागपुर में एयरोस्पेस पार्क स्थापित किया जा रहा है जहां राफेल लड़ाकू विमान के लिए सामग्री तैयार की जाएगी.
लड़ाकू विमानों के इस समझौते की कीमत लगभग 7.87 अरब यूरो (लगभग 59,000 करोड़ रुपये) है. राफेल विमान के समझौते में फ़्रांस की अन्य कंपनियां एमबीडीए तथा थेल्स भी शामिल हैं.
इस समझौते के अनुसार 74 प्रतिशत ऑफसेट ऑब्लिगेशन का प्रावधान दिया गया है अर्थात् कम से कम 74 प्रतिशत उपकरण भारत से खरीदे जायेंगे.
दसॉल्ट एविएशन
यह एक फ्रेंच एयरक्राफ्ट कम्पनी है जो सेना, बिज़नस क्लास तथा क्षेत्रीय यात्राओं के लिए विमानों का निर्माण करती है. इसकी स्थापना 1929 में मार्सेल ब्लॉक द्वारा एमबी के नाम से की गयी. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर मार्सेल दसॉल्ट रख लिया था तथा 20 जनवरी 1947 को कम्पनी का नाम बदलकर एवियन मार्सेल दसॉल्ट रखा.
1971 में दसॉल्ट ने ब्रेगुएट का अधिग्रहण किया तथा एवियन्स दसॉल्ट-ब्रेगुएट एविएशन उपक्रम की स्थापना की. वर्ष 1990 में कम्पनी ने फिर एक बार अपना नाम परिवर्तित करके दसॉल्ट एविएशन रख लिया. एरिक ट्रेपिएर 9 जनवरी 2013 से दसॉल्ट एविएशन के प्रमुख हैं.
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