शोधकर्ताओं ने द्वितीय विश्व युद्ध के आखिरी दिनों में जापानी पनडुब्बी के हमले का शिकार बने अमेरिकी युद्धपोत का मलबा 72 वर्ष बाद प्रशांत महासागर में खोज निकाला है.
यूएसएस इंडियानापोलिस नामक इस युद्धपोत को जापानी शहर हिरोशिमा में गिराए जाने वाले परमाणु बम के कुछ हिस्सों को पहुंचाने के गोपनीय अभियान पर भेजा गया था. अभियान को अंजाम देकर लौटते समय 30 जुलाई 1945 को एक जापानी पनडुब्बी ने इस पर हमला किया था.
अमेरिकी नौसेना के इतिहास प्रभाग के अनुसार, हमले के केवल 12 मिनट बाद ही यह जहाज डूब गया जिससे वह संकट संबंधी संकेत नहीं भेज पाया और न ही जीवन रक्षक उपकरण का उपयोग कर पाया.
शोधकर्ताओं के इस दल का नेतृत्व कर रहे पॉल एलेन ने दावा किया है कि इंडियानापोलिस का मलबा प्रशांत महासागर में सतह से 18 हजार फीट (लगभग 5.5 किलोमीटर) नीचे मिला है.
अमेरिकी नौसेना ने बताया कि जहाज पर तैनात 1,196 नाविकों और सैनिकों में से हमले के तत्काल बाद 800 ही बच पाए लेकिन शार्क से भरे समुद्र में कई दिनों तक जिंदगी के लिए जूझने के बाद केवल 316 लोग ही बचे. इंडियानापोलिस के चालक दल के 22 सदस्य अब भी जीवित हैं. अमेरिकी नौसेना उन्हें सम्मानित करने की योजना बना रही है.
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