तमिलनाडु विधानसभा ने एकमत द्वारा 1 अगस्त 2016 को मद्रास उच्च न्यायालय का नाम बदलकर तमिलनाडु उच्च न्यायालय करने का निर्णय लिया. यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री जयललिता ने सदन में रखा. प्रस्ताव के अनुसार पृथक राज्य बनने के पश्चात् राज्य उच्च न्यायालय का नाम वहां की स्थानीय भाषा के अनुसार रखा जाता है.
उच्च न्यायालय (नाम परिवर्तन) विधेयक, 2016 को 19 जुलाई 2016 को लोकसभा में पेश किया गया.
उन्होंने कहा कि इससे मद्रास उच्च न्यायालय का पूरे राज्य में अधिकार क्षेत्र स्थापित होता है इसलिए उच्च न्यायालय का नाम बदलना आवश्यक है.
मुख्यमंत्री जयललिता ने यह भी बताया कि मद्रास का नाम 1996 में बदलकर चेन्नई रख दिया गया था जिसके कारण नाम परिवर्तित करने का यह भी एक कारण है तथा उच्च न्यायालय का अधिकारक्षेत्र पूरा राज्य होता है.
पृष्ठभूमि
उच्च न्यायालय का नाम बदलने के लिए वर्ष 1967 से ही मांग उठाई जा रही है. लोकसभा में मद्रास, बॉम्बे एवं कलकत्ता उच्च न्यायालय का भी नाम परिवर्तित करने के लिए मांग उठाई जा रही है.
उच्च न्यायालय (नाम परिवर्तन) विधेयक, 2016
यह विधेयक लोक सभा में कानून और न्याय मंत्री, रवि शंकर प्रसाद द्वारा प्रस्तुत किया गया. इस प्रस्ताव का उद्देश्य मद्रास, बॉम्बे एवं कलकत्ता उच्च न्यायालयों का नाम परिवर्तित करना है.
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