Luna-25 Crash: क़रीब 50 सालों बाद रूस के चांद पर पहुंचने की उम्मीदों को उस समय करारा झटका लगा जब उसका स्पेसक्राफ्ट लूना-25 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने से पहले ही क्रैश हो गया. रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने इसकी आधिकारिक पुष्टि भी कर दी है.
रुसी एजेंसी ने बताया कि लूना-25 प्रपोल्शन मैनूवर के समय चंद्रमा की सतह से टकरा गया था, जिसे हार्ड लैंडिंग भी कहते है. ऐसा ही कुछ भारत के पहले के मिशन चंद्रयान-2 के साथ हुआ था.
लूना-25 का क्रैश होना रुसी स्पेस एजेंसी के लिए एक बड़ा झटका है. इसके साथ ही दुनिया भर के वैज्ञानिक इस बात पर चर्चा करने में लगे हैं कि आखिर लूना-25 के साथ आखिरी क्षणों में ऐसा क्या हुआ होगा. गौरतलब है कि रुसी साइंटिस्ट लूना-25 की सोमवार को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की तैयारी में थे.
Russia Luna-25 ⚡⚡#Russia Space agency Roscosmos is unable to make contact with #Luna25 Moon Lander even after 16 hrs when it's faced glitch while de-boost 🇷🇺
— Vivek Singh (@VivekSi85847001) August 20, 2023
Many experts believes that it's now lost & has crashed on Moon surface
Roscosmos is trying to make contact. pic.twitter.com/fY6RSxluP0
साउथ पोल पर नहीं पहुंच पाया है कोई देश:
अभी तक चांद के साउथ पोल पर किसी भी देश का अभियान सफल नहीं हो पाया है. रूस की योजना चांद के दक्षिणी ध्रुव पर इस मानवरहित यान की सॉफ्ट लैंडिग कराने की थी लेकिन यह अब अधूरी रह गयी है. ऐसे में अब भारत के पास अपने चंद्रयान-3 मिशन के साथ एक मौका है. यदि इसरो इसमें सफल होता है तो भारत एक नया इतिहास रच देगा.
रुसी स्पेस एजेंसी ने क्या कहा?
रूस की सरकारी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस ने एक अधिकारिक बयान जारी कर कहा कि शनिवार दोपहर 14.57 बजे (GMT 11.57) के आसपास लूना-25 के साथ उसका संपर्क टूट गया था. टेलीग्राम पर जारी एक बयान में एजेंसी कागा गया कि स्पेसक्राफ्ट एक अनजान ऑर्बिट में चला गया और चांद की सतह से टकरा कर फेल हो गया.
यह हो सकती है क्रैश की वजह:
वर्ष 1976 के बाद से यह रूस का पहला मून मिशन था जो अब फेल हो गया है. सोवियत संघ के पतन के बाद रूस ने कोई भी लूनर मिशन लॉन्च नहीं किया था. फ्रांस के अंतरिक्ष विज्ञानी फ्रैंक मार्चिस की मानें तो एक सॉफ्टवेयर गड़बड़ी ने रोस्कोमोस के सपने को चकनाचूर कर दिया.
उनके अनुसार, निर्णायक कक्षा समायोजन के दौरान अप्रत्याशित लंबे इंजन के ओवरफायर के कारण यह मिशन फेल हुआ होगा. तकनीकी खराबी के बाद करीब 10 घंटे तक लूना-25 से कोई संपर्क नहीं हो पाया था.
अब चंद्रयान-3 पर है सबकी नज़रें:
चांद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने में भारत के चंद्रयान-3 के मुकाबले में रूस ने लूना-25 मिशन लांच किया था जो अब फेल हो गया है. अब पूरी दुनिया की नजरें भारत पर टिकी हुई है. भारत का चंद्रयान- 3 अगले हफ़्ते चांद की सतह पर उतरने को तैयार है.
23 अगस्त की शाम होगी चंद्रयान-3 की लैंडिंग:
लूना-25 के नाकाम होने के बाद अब सभी की निगाहें अब चंद्रयान की सॉफ्ट लैंगिग पर लग गयी है. लूना-25 के क्रेश होने की ख़बरें मीडिया में आने के बाद भारतीय स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइज़ेशन इसरो ने सोशल मीडिया पर बताया कि चंद्रयान-3 23 अगस्त की शाम को 6.04 बजे चांद पर लैंड करेगा.
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 20, 2023
🇮🇳Chandrayaan-3 is set to land on the moon 🌖on August 23, 2023, around 18:04 Hrs. IST.
Thanks for the wishes and positivity!
Let’s continue experiencing the journey together
as the action unfolds LIVE at:
ISRO Website https://t.co/osrHMk7MZL
YouTube… pic.twitter.com/zyu1sdVpoE
रूस के नाम है बड़ी उपलब्धि:
पृथ्वी की कक्षा में दुनिया का पहला सैटलाइट (1957 में स्पुतनिक-1) स्थापित करके पहले ही रूस ने इतिहास रच दिया था. अंतरिक्ष में पहली बार इंसान (यूरी गागारिन) को भेजने का कारनामा भी रूस ने 1961 में कर दिखाया है.
उसके बाद अमेरिका और सोवियत संघ के बीच ये होड़ थी कि चांद पर सबसे पहले इंसान को कौन उतार सकता है. लेकिन अपोलो मिशन के ज़रिए अमेरिका ने चांद की सतह पर पहली बार इंसान को उतारकर यह बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली थी.
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