दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर का 02 जनवरी 2019 को निधन हो गया. वे 87 वर्ष के थे. उन्होंने मुंबई स्थित अपने घर में अंतिम सांस ली. वह लंबे समय से बीमार थे.
वे सचिन तेंदुलकर के अलावा विनोद कांबली, प्रवीण आमरे, समीर दीघे समेत कई मशहूर खिलाड़ियों को भी प्रशिक्षण दे चुके थे. उनके निधन से खेल जगत काफी शोक में है.
पुरस्कार सम्मान:
आचरेकर को क्रिकेट में दिए योगदान के लिए साल 2010 में पद्म श्री (देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान) और द्रोणाचार्य पुरस्कार (1990 में) से सम्मानित किया गया था. उन्हें 12 फरवरी 2010 को भारतीय क्रिकेट टीम के तत्कालीन कोच गैरी कर्स्टन द्वारा 'लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड' से सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार स्पोर्ट्स इलस्ट्रेटेड द्वारा खेल में विभिन्न श्रेणियों के लिए दिए गए पुरस्कारों का हिस्सा था.
रमाकांत आचरेकर के बारे में:
• रमाकांत आचरेकर का जन्म वर्ष 1932 में हुआ था.
• वे मुंबई क्रिकेट टीम के सेलेक्टर भी थे.
• आचरेकर एक खिलाड़ी के तौर पर उतने सफल नहीं हुए जितना कि वो अपनी कोचिंग के लिए जाने गए.
• उन्होंने वर्ष 1943 में क्रिकेट खेलना शुरू किया और वर्ष 1945 में वे न्यू हिंद स्पोर्ट्स क्लब के लिए क्लब क्रिकेट खेले.
• उन्होंने यंग महाराष्ट्र इलेवन, गुल मोहर मिल्स व मुंबई पोर्ट के लिए भी खेला. उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के लिए सिर्फ एक फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैच खेला था. उन्होंने वर्ष 1963 में हैदराबाद के खिलाफ ये मैच खेला था.
• सचिन के करियर को निखारने में उनका अहम योगदान रहा है.
सचिन के गुरु के तौर पर मिली प्रसिद्धि:
आचरेकर का पूरा नाम रमाकांत विठ्ठल आचरेकर था. उनका जन्म मुंबई में हुआ था. वे दादर के शिवाजी पार्क में युवा खिलाड़ियों को कोचिंग देते थे. उनकी प्रसिद्धि सचिन तेंदुलकर के गुरु के तौर पर है. आचरेकर ने अपने कैरियर में सिर्फ एक प्रथम श्रेणी मैच खेला लेकिन उन्हें सर डॉन ब्रेडमैन के बाद दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेटर तेंदुलकर को तलाशने और तराशने का श्रेय जाता है.
सचिन भी मानते हैं कि ये रमाकांत अचरेकर की ही कोचिंग थी जिसने उन्हें क्रिकेट में इतना बड़ा मुकाम हासिल करने के लिए प्रेरित किया. इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले सचिन तेंदुलकर अक्सर अपने कोच के घर जाकर उनकी सेहत की जानकारी लेते रहते थे.
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