भारतीय टीका निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने 06 दिसंबर 2020 को भारत में ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ''कोविशील्ड'' के आपातकालीन उपयोग की औपचारिक मंजूरी मांगी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सीरम ने भारतीय दवा महानियंत्रक (DCGI) से अपनी कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मांगी है. इसके साथ ही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया देश की पहली स्वदेशी कंपनी बन गई है.
इससे पहले 05 दिसंबर 2020 को अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी फाइजर की भारतीय इकाई ने उसके द्वारा विकसित कोविड-19 टीके के आपातकालीन इस्तेमाल की औपचारिक मंजूरी मांगी थी. इससे पहले फाइजर को ब्रिटेन और बहरीन से आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल चुकी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी ने महामारी के दौरान चिकित्सा आवश्यकताओं और व्यापक स्तर पर जनता के हित का हवाला देते हुए यह मंजूरी दिए जाने का अनुरोध किया है.
दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी
बता दें कि दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी सीरम ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन 'कोविशील्ड' का भारत में ट्रायल और उत्पादन कर रही है.
गंभीर मरीजों पर वैक्सीन कारगर है
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी वैक्सीन का कोडनेम एजेडडी-1222 है. इस वैक्सीन ने बुजुर्गों में भी जबर्दस्त प्रतिरोधक क्षमता विकसित की है. एसआईआई ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर 06 दिसंबर 2020 को देश के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ''कोविशील्ड'' के तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण भी किया है.
आपात मंजूरी क्या है?
आपात मंजूरी वैक्सीन, दवाओं, डायग्नोस्टिक टेस्ट्स या मेडिकल उपकरणों के लिए भी ली जाती है. भारत में आपात मंजूरी के लिए सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन एक नियामक है. आम तौर पर वैक्सीन और दवाओं के इस्तेमाल की मंजूरी परीक्षणों के बाद दी जाती है जिसमें कई साल लग जाते हैं. लेकिन महामारी की स्थिति में जब लाभ जोखिम पर भारी दिखें तो आपात मंजूरी दे दी जाती है.
परीक्षण में 90 प्रतिशत तक असरदार
हाल ही में सीआइआइ के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा था कि कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' परीक्षण में 90 प्रतिशत तक असरदार साबित हुई है. जल्द सभी के लिए उपलब्ध होगी. उन्होंने यह भी दावा किया था कि एस्ट्राजेनेका से 10 करोड़ डोज का समझौता किया गया है.
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