सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर 2016 को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पूर्व सांसद और सीवान के बहुचर्चित नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की जमानत को रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन की जमानत याचिका के खिलाफ दायर की गयी अन्य तीन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय लिया.
इस निर्णय के परिणामस्वरूप शहाबुद्दीन को फिर से गिरफ्तार किया जायेगा. न्यायमूर्ति पीसी घोष तथा अमिताव रॉय की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि शहाबुद्दीन को जमानत मिलना न्याय का उपहास उड़ाने जैसा है. चंदाबाबू की ओर से प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण ने शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ याचिका दायर की थी.
पृष्ठभूमि
वर्ष 2004 में सीवान जिले के निवासी चन्द्रकेश्वर प्रसाद उर्फ़ चंदा बाबू के दो बेटों गिरीश और सतीश का अपहरण किया गया. इस मामले में उनके तीसरे बेटे राजीव रोशन ने उच्च न्यायालय में गवाही देते हुए कहा कि शहाबुद्दीन की मौजूदगी में ही उनके दोनों भाइयों पर तेजाब डालकर उन्हें मार दिया गया. इसके बाद शहाबुद्दीन के खिलाफ सुनवाई आरंभ की गयी लेकिन, जून 2014 को राजीव रोशन की भी गोली मारकर हत्या कर दी गयी जिसमें शहाबुद्दीन को आरोपी तय किया गया.
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