सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, बिहार सिविल सेवा के नियम '5ए' को किया निरस्त

Feb 22, 2019, 11:43 IST

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा और नवीन सिन्हा की पीठ ने फैसले में कहा कि यह नियम स्पष्ट रूप से मनमाना है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले (मजहर सुल्तान) का उल्लंघन करता है.

Supreme Court has canceled the 5A rule of Bihar Civil Service
Supreme Court has canceled the 5A rule of Bihar Civil Service

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक महत्वपूर्ण फैसले में बिहार सिविल सर्विस (न्यायिक ब्रांच, रिक्रूटमेंट), रूल, 1995 के नियम 5ए निरस्त कर दिया.

रिक्रूटमेंट, रूल, 1995 के नियम 5A के तहत पहले प्रारंभिक परीक्षा में बैठने वाले दस गुना उम्मीदवारों को ही मुख्य परीक्षा में बैठने के लिए बुलाया जाता था. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला:

   सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा और नवीन सिन्हा की पीठ ने फैसले में कहा कि यह नियम स्पष्ट रूप से मनमाना है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले (मजहर सुल्तान) का उल्लंघन करता है.

   पीठ ने कहा कि फाइनल लिखित परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को सीमित करने का यह नियम किसी मकसद को पूरा नहीं करता.

   सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार, हाईकोर्ट पटना और बीपीएससी से कहा कि इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य की परीक्षाओं में कटआफ अंक रखे जाएं. जिससे परीक्षार्थियों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो.

   कोर्ट ने यह आदेश 20 फरवरी 2019 को कुछ उम्मीदवारों द्वारा अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गई रिट याचिका पर दिया. कोर्ट ने कहा कि प्रारंभिक परीक्षा के लिए कोई न्यूनतम अंक नहीं रखे गए हैं. लेकिन आयोजित हो चुकी परीक्षा में अब कटआफ अंक तय करना उचित नहीं होगा.

   पीठ ने साथ ही यह भी आदेश दिया कि बीपीएसी मुख्य परीक्षा छह हफ्ते के अंदर आयोजित करे. यह परीक्षा रिक्तियों के 1:10 के आधार पर की जाएगी और इसके अनुसार ही उम्मीदवारों को बुला जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने मजहर फैसले में कहा था कि विज्ञापित रिक्तियों का 10 गुणा (1 अनुपात 10) उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए बुलाना चाहिए. मगर इस मामले में परीक्षा में प्रारंभिक परीक्षा में बैठे उम्मीदवारों का 10 गुणा लोगों को मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया गया था. यानी प्रारंभिक परीक्षा में बैठे लगभग 17,000 उम्मीदवारों में से 10 गुणा 1843 उम्मीदवारों को ही 349 विज्ञापित रिक्तियों के लिए मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया गया था. जबकि मजहर फैसले के अनुसार यह संख्या विज्ञापित रिक्तियों का 10 गुना यानी 3490 होना चाहिए था.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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