वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने 04 सितंबर 2018 को कॉफी हितधारकों के लिए डिजिटल मोबाइल विस्तार सेवाएं, कॉफी कनेक्ट - इंडिया कॉफी फील्ड फोर्स एप्प, और ‘कॉफी कृषिथारंगा’ लॉन्च किये.
मोबाइल एप्प कॉफी कनेक्ट को बागानों में काम करने वाले मजदूरों का काम आसान करने और उनकी कार्य क्षमता को बढ़ाने के लिए विकसित किया गया है.
कॉफी कृषिथारंगा |
‘कॉफी कृषिथारंगा’ सेवा शुरू करने का उद्देश्य उत्पादन, लाभ, वातावरण, निरंतरता को बढ़ाने के लिए सही सूचना और सेवाएं प्रदान करना है. ‘कॉफी कृषिथारंगा’ का कर्नाटक राज्य के चिकमगलुर और हासन जिलों में 30,000 से अधिक किसानों पर पहले साल के दौरान प्रायोगिक परीक्षण हो चुका है और चरणबद्ध तरीके से इसका विस्तार बाकी कॉफी उत्पादकों तक भी होगा. नाबार्ड ने इस प्रायोगिक परियोजना के लिए आंशिक आर्थिक मदद दी है. |
कॉफ़ी कनेक्ट मोबाइल एप्प
• कॉफ़ी कनेक्ट मोबाइल एप्प का आरंभ इस क्षेत्र में कार्यरत कामगारों की कार्यकुशलता में सुधार तथा उनकी काम को आसान बनाने के लिए किया गया है.
• यह एप्प, कॉफ़ी उत्पादकों को ऑनलाइन करने, नवीनतम तकनीक से परिचित कराने तथा जियो टैगिंग जैसे कार्यों के लिए सहायता प्रदान करेगा.
• यह एप्प अधिकारियों तथा उत्पादकों के बीच समन्वय, पारदर्शिता एवं सब्सिडी वितरण को लेकर बेहतर तालमेल स्थापित करने में सहायक होगा.
भारत में कॉफ़ी की खेती तथा आरंभ की गई अन्य पहलें
• इस अवसर पर सुरेश प्रभु ने डाटा विश्लेषण, आर्टिफिशियल इंटेलीजेशन, आईओटीएस और ब्लॉकचेन पर भी प्रायोगिक परियोजनाएं शुरू की.
• भारत सरकार के डिजिटल पहलों के अनुरूप कॉफी बोर्ड ने कॉफी क्षेत्र के प्रौद्योगिकीय विकास के लिए कई महत्वपूर्ण डिजिटल पहलें शुरू की हैं/ इन पहलों का उद्देश्य कॉफी क्षेत्र से जुड़े सभी हितधारकों को लाभ पहुंचाना है.
• भारत में कॉफी की खेती 3.66 लाख कॉफी किसानों द्वारा 4.54 लाख हेक्टेयर जमीन पर होती है। इसकी खेती मुख्यतः कर्नाटक (54 प्रतिशत), केरल (19 प्रतिशत) और तमिलनाडु (8 प्रतिशत) में होती है. कॉफी की खेती आन्ध्र प्रदेश, ओडिशा और पूर्वोत्तर के राज्यों में भी होती है.
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