बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की अगुवाई वाला मंत्री समूह राज्यों की आमदनी में कमी की करेगा समीक्षा

Jan 14, 2019, 16:59 IST

समिति जीएसटी लागू किये जाने से पहले और बाद में प्रदेशों द्वारा अर्जित किये जाने वाले राजस्व के स्वरूप पर गौर करेगी.

Sushil Modi to head GoM on GST revenue shortfall faced by states
Sushil Modi to head GoM on GST revenue shortfall faced by states

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की अगुवाई में सात सदस्यीय मंत्री समूह माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किये जाने के बाद राज्यों की आमदनी में आ रही कमी के मुद्दे की समीक्षा करेगा.

साथ ही उनकी आय बढ़ाने के लिए अपनी सिफारिशें भी सौंपेगा. जीएसटी परिषद की ओर से जारी अधिसूचना में यह कहा गया है.

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद ने 22 दिसंबर 2018 को जीएसटी लागू किये जाने के बाद से राज्यों के राजस्व में कमी के कारणों के विश्लेषण के लिए मंत्री समूह बनाने का निर्णय किया था.

जीएसटी 01 जुलाई 2017 को लागू होने के बाद पंजाब, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, गोवा, बिहार, गुजरात और दिल्ली की आय में कमी दर्ज की गयी है. अप्रैल-नवंबर की अवधि में इन राज्यों की आय में 14 से 37 प्रतिशत तक की कमी देखी गयी है.

केंद्र शासित प्रदेशों में पुडुचेरी को सबसे अधिक नुकसान उठा पड़ा है. उसकी आय में 43 प्रतिशत की कमी आयी है.

 

मंत्री समूह के सदस्य:

पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक, कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री कृष्णा बी. गौड़ा, ओडिशा के वित्त मंत्री शशि भूषण बेहेरा, हरियाणा के राजस्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और गोवा के पंचायत मंत्री मौविन गोडिन्हो इस मंत्री समूह के सदस्य होंगे.

समिति जीएसटी लागू किये जाने से पहले और बाद में प्रदेशों द्वारा अर्जित किये जाने वाले राजस्व के स्वरूप पर गौर करेगी.

जीएसटी लागू होने के बाद इन राज्यों की आय बढ़ी:

जीएसटी लागू होने के बाद 31 राज्य सरकारों में केवल आंध्रप्रदेश और पूर्वोत्तर के पांच राज्य मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, सिक्किम और नागालैंड की आय बढ़ी है. अप्रैल-नवंबर 2018 की अवधि में केंद्र सरकार ने राज्यों के राजस्व के नुकसान के मुआवजे के तौर पर 48,202 करोड़ रुपये जारी किये हैं. जबकि, वित्त वर्ष 2017-18 की पूरी अवधि में यह मुआवजा राशि 48,178 करोड़ रुपये थी.

 

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) क्या है?

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) भारत में 01 जुलाई 2017 से लागू एक महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है जिसे सरकार व कई अर्थशास्त्रियों द्वारा इसे स्वतंत्रता के पश्चात् सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताया है.

इससे केन्द्र एवं विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भिन्न भिन्न दरों पर लगाए जा रहे विभिन्न करों को हटाकर पूरे देश के लिए एक ही अप्रत्‍यक्ष कर प्रणाली लागू की गयी है, जिससे भारत को एकीकृत साझा बाजार बनाने में मदद मिलेगी.

भारतीय संविधान में इस कर व्यवस्था को लागू करने के लिए संशोधन किया गया. जीएसटी अलग-अलग स्तर पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी, एडिशनल एक्साइज ड्यूटी,सेंट्रल सेल्स टैक्स, वैट, लक्ज़री टैक्स, सर्विस कर इत्यादि की जगह अब केवल जीएसटी ही लग रहा है.

जीएसटी वह वैट है जिसमे वस्तुओं और सेवाओं दोनों पर ही लागू किया गया. यह केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से लिए जा रहे 15 से अधिक इनडायरेक्ट टैक्स के बदले में लगाया जा रहा है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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