विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) और ग्लोबल टाइगर फोरम (जीटीएफ) द्वारा 10 अप्रैल 2016 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्व भर में पहली बार बाघों की संख्या में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
100 सालों के निरंतर गिरावट के बाद, ताज़े आंकड़ो के मुताबिक, बाघों की जनसँख्या 3890 हो गयी है. अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) के अनुसार ये आंकड़ा 2010 मे 3200 बाघों की संख्या थी.
संगठनों का कहना है कि इस वृद्धि के कई कारण हो सकते हैं जिनमें भारत, रूस, नेपाल और भूटान में बाघों की संख्या में इजाफा, उन्नत सर्वेक्षण और व्यापक संरक्षण शामिल हैं.
पहली बार बाघों की संख्या बढ़ी है. इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि अगर सरकारें, स्थानीय समुदाय और पर्यावरण कार्यकर्ता मिलकर काम करें तो वन्यजीव की प्रजातियों और उनके रहने के ठिकानों को बचाया जा सकता है.
12 अप्रैल 2016 को आयोजित सम्मेलन 2010 में रूस में टाइगर समिट के साथ शुरू हुई वैश्विक बाघ पहल की प्रक्रिया में ताजा कदम होगा.
2010 के सम्मेलन में सरकारों ने 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने के लक्ष्य पर सहमति जताई थी.
विभिन्न देशो मे बाघों की संख्या:
• भारत: 2226 बाघ (भारत बाघों की संख्या मे सबसे आगे है)
• रूस: 433
• इंडोनेशिया: 371
• मलेशिया: 250
• नेपाल: 198
• थाइलैंड: 189
• बांग्लादेश: 106
• भूटान: 103
इनके अलावा अन्य देश जिनमें बाघ पाये जाते हैं उनमें म्यामां, चीन और लाओस हैं.
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