टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 07 जून 2018 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से लघु वित्तीय बैंक और मातृ मृत्यु दर शामिल है.
आरबीआई ने शहरी सहकारी बैंकों को लघु वित्तीय बैंक का दर्जा देने का फैसला किया
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 06 जून 2018 को शहरी सहकारी बैंकों को स्वेच्छा के आधार पर लघु वित्तीय बैंक का दर्जा देने का फैसला किया है.
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की दूसरी द्विवार्षिक बैठक के बाद जारी बयान में बताया गया, लघु वित्तीय बैंकों (एसएफबी) के लिए तय मानकों को पूरा करने वाले शहरी सहकारी बैंकों को स्वेच्छा के आधार पर एसएफबी में बदलने की अनुमति देने का फैसला किया गया है.
भारत में मातृ मृत्यु दर में 22 प्रतिशत की कमी
भारत में वर्ष 2013 से मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) में रिकार्ड 22 प्रतिशत की महत्वपूर्ण कमी दर्ज की गई है. यह जानकारी नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) ने 06 जून 2018 को अपने द्वारा एकत्र किए गए डाटा के आधार पर दी है.
रिपोर्ट के अनुसार भारत में वर्ष 2011-13 में मातृ मृत्यु दर जहां 167 था वहीं वो वर्ष 2014-16 में घटकर 130 हो गया. एमएमआर को 100,000 जीवित जन्मों की मातृ मृत्यु की संख्या के रूप में परिभाषित किया जाता है.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 06 जून 2018 को सतत शहरी विकास के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग पर भारत और ब्रिटेन के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दे दी. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई.
मंत्रिमंडल ने सतत शहरी विकास के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग पर भारत और ब्रिटेन के बीच अप्रैल 2018 में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) से अवगत कराया गया. इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य सतत शहरी विकास के क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन के बीच संस्थागत सहयोग उपलब्ध कराना और उसे मजबूती देना है.
विश्व में मुंबई के लोग सबसे अधिक काम करते हैं: सर्वे
स्विट्ज़रलैंड के इन्वेस्टमेंट बैंक यूबीएस की स्टडी के मुताबिक, मुंबई में एक कर्मचारी सालाना औसत 3,314.7 घंटे काम करता है, जो दुनिया के 77 प्रमुख शहरों में सर्वाधिक है. हालांकि सर्वे में यह भी कहा गया है कि भले ही मुंबई के लोग सबसे अधिक काम करते हैं लेकिन कमाई में पीछे हैं.
इस मामले में हनोई (वियतनाम) दूसरे, मेक्सिको सिटी (मेक्सिको) तीसरे और दिल्ली चौथे स्थान पर है. वहीं, सबसे कम समय तक काम करने के मामले में लागोस (नाइजीरिया) शीर्ष पर है.
सोशल मीडिया पर महिलाओं को अभद्र रूप में पेश करने से रोकने के लिए एजेंसी बनाने को मंजूरी
केंद्र सरकार ने परंपरागत और आधुनिक सोशल मीडिया में महिलाओं को अभद्र और अशिष्ट रूप में प्रस्तुत करने से रोकने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग के अंतर्गत एक केंद्रीय एजेंसी बनाने का निर्णय किया है.
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 04 जून 2018 को ‘महिला अशिष्ट निरूपण (निषेध) अधिनियम (आईआरडब्ल्यूए) 1986’ में संशोधन करने की संसदीय समिति की सिफारिश मंत्रालय ने स्वीकार कर ली है.
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