टॉप कैबिनेट मंजूरी: 18 दिसंबर 2018

Dec 18, 2018, 12:49 IST

आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने बिहार की राजधानी पटना में गंगा नदी पर गांधी सेतु के समानांतर एक नये 5.634 किलोमीटर लंबे 4 लेन के पुल के निर्माण को मंजूरी दे दी है.

Top Cabinet Approvals: 18 December 2018
Top Cabinet Approvals: 18 December 2018

टॉप कैबिनेट मंजूरी: 18 दिसंबर

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और फ्रांस के बीच नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी

   इस समझौता ज्ञापन पर 03 अक्‍टूबर 2018 को नई दिल्‍ली में हस्‍ताक्षर हुए थे. इस समझौता ज्ञापन पर तीन भाषाओं- हिन्‍दी, अंग्रेजी और फ्रेंच में तीन-तीन मूलों में हस्‍ताक्षर किये गये थे.

   इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्‍य सौर पैनलों से चार्ज होने वाली बैट्रियों से युक्‍त ई-वाहनोंका चार्जिंग स्‍टेशन (एसईसीआई) उपलब्‍ध कराने की पायलेट परियोजना के बारे में भविष्‍य में होने वाले सहयोग के संबंध में विचार-विमर्श के तौर-तरीकों को परिभाषित करना है.

•   इसके अलावा सौर गतिशीलता का अधिक से अधिक उपयोग और ग्रिड के प्रभाव को न्‍यूनतम करके विद्युत वाहनों की तैनाती के लिए भारत सरकार की महत्‍वाकांक्षी योजना में मदद करने के लिए ग्रिड से अधिक से अधिक कनेक्‍शनों को जोड़ना है. इस समझौता ज्ञापन से भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.

 

मंत्रिमंडल ने मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में भारत और अफगानिस्तान के बीच सहमति पत्र को मंजूरी दी

•  सहमति पत्र से अफगानिस्तान के छात्रों तथा शैक्षणिक संस्थानों को ‘स्वयं’ पाठ्यक्रमों में पंजीकरण तथा उपयोग की सुविधा मिलेगी. इस सहमति पत्र से अफगानिस्तान में विकसित पाठ्यक्रमों को ‘स्वयं’ वेबसाइट पर अपलोड करने की भी सुविधा प्राप्त होगी. अफगानिस्तान के छात्रों और अध्यापकों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करेगा.

•  इस सहमति पत्र के माध्यम से भारत सरकार, शिक्षा से जुड़े अन्य पहलों जैसे भारतीय राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी (एनडीएलआई), वर्चुअल प्रयोगशाला, अध्ययन सामग्री आदि की तकनीक साझा करने की सुविधा प्रदान करेगी. भारत और अफगानिस्तान के विश्वविद्यालयों/संस्थानों के बीच संयुक्त स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के निर्माण का भी प्रस्ताव दिया गया है.

•  पाठ्यक्रमों को विकसित करने तथा अध्यापन कर्मियों की क्षमता निर्माण के क्षेत्र में भी मानव संसाधन विकास मंत्रालय, अफगानिस्तान के उच्च शिक्षा मंत्रालय को सहायता प्रदान करेगा. इस सहमति पत्र के माध्यम से दोनों देशों ने शैक्षणिक योग्यताओं को परस्पर मान्यता प्रदान करने पर भी सहमति जताई है. इससे ‘भारत में अध्ययन’ कार्यक्रम के तहत छात्रों को आकर्षित करने और अफगान संस्थाओं में अध्ययन को प्रोत्साहन मिलेगा.

•  भारत और अफगानिस्तान के बीच शिक्षा समेत अन्य क्षेत्रों में मजबूत राजनयिक संबंध रहे हैं. इसे और सशक्त बनाने के लिए दोनों देशों ने मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में सहयोग के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने का निर्णय लिया है.

 

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और दक्षिण अफ्रीका द्वारा डाक टिकटों को संयुक्‍त रूप से जारी करने के बारे में अवगत कराया

•  केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने ‘महात्‍मा गांधी की पीटरमार्टिज़बर्ग स्‍टेशन की घटना के 125वें वर्ष तथा नेलसन मंडेला की जन्‍मशताब्‍दी’ के विषय पर भारत और दक्षिण अफ्रीका द्वारा संयुक्‍त रूप से डाक-टिकट जारी करने के बारे में अवगत कराया.

•  भारत और दक्षिण अफ्रीका आपस में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बारे में संयुक्त रूप से डाक टिकट जारी करने के बारे में सहमत हुए थे. इन डाक टिकटों को‘महात्‍मा गांधी की पीटरमार्टिज़बर्ग स्‍टेशन की घटना के 125वें वर्ष तथा नेलसन मंडेला की जन्‍मशताब्‍दी’ के विषयपर जारी किया गया है. यह संयुक्‍त डाक-टिकट 26 जुलाई 2018 को जारी किये गये थे.

 

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच दिव्‍यांगता के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर करने की मंजूरी दी

•  केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल को दिव्‍यांगता के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच हुए समझौता ज्ञापन के बारे में अवगत कराया गया. इस समझौता ज्ञापन पर 22 नवम्‍बर 2018 को सिडनी, ऑस्‍ट्रेलिया में हस्‍ताक्षर किये गये थे.

•  इस समझौता ज्ञापन से दिव्‍यांगता के क्षेत्र में संयुक्‍त पहलों के माध्‍यम से सहयोग को बढ़ावा मिलेगा. इससे भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के मध्‍य द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे. इसके अलावा यह समझौता ज्ञापन दोनों देशों के दिव्‍यांगता से ग्रस्‍त व्‍यक्तियों, विशेष रूप से बौद्धिक दिव्‍यांगता और मानसिक बीमारी से ग्रस्‍त व्‍यक्तियों, के पुनर्वास में सुधार लाने में मदद करेगा.

•  दोनों देश इस पर कार्यान्‍वयन के लिए आपसी रूप से सहमति के अनुसार दिव्‍यांगता के क्षेत्र में विशिष्‍ट प्रस्‍तावों को लागू करेंगे.

 

मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजना के अंतर्गत तमिलनाडु और तेलंगाना में दो नये एम्‍स की स्‍थापना की स्‍वीकृति दी

•  केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तमिलनाडु के मदुरई में 1,264 करोड़ रूपये की लागत से तथा तेलंगाना के बीबी नगर में 1,028 करोड़ रूपये की लागत से दो नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (एम्‍स) की स्‍थापना की स्‍वीकृति दे दी है. दोनों स्‍थानों पर एम्‍स की स्‍थापना प्रधानमंत्री स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के अंतर्गत की जाएगी.

•  प्रत्‍येक नये एम्‍स में स्‍नातक (एमबीबीएस) की 100 सीटें तथा बीएससी (नर्सिंग) की  60 सीटें होंगी. प्रत्‍येक में एम्‍स में 15-20 सुपर स्‍पेशियलिटी विभाग होंगे. प्रत्‍येक नए एम्‍स लगभग 750 बिस्‍तर जोडेंगे. वर्तमान में कार्यरत एम्‍स के डाटा के अनुसार आशा है कि प्रत्‍येक नए एम्‍स में प्रतिदिन 1500 बाह्य रोगी तथा प्रतिमहीने 1000 अंतरंग रोगी आयेंगे.

•  तमिलनाडु और तेलंगाना में नए एम्‍स की स्‍थापना की समय सीमा 45 महीना होगी. इसमें निर्माण पूर्व चरण का 10 महीना, निर्माण चरण का 32 महीना तथा स्‍थायीकरण/ चालू करने का चरण 3 महीने का होगा. निर्माण लागत तथा नए एम्‍स चलाने का खर्च पीएमएसएसवाई के अंतर्गत केन्‍द्र सरकार वहन करेगी.

•  नए एम्‍स की स्‍थापना से क्षेत्र में न केवल स्‍वास्‍थ्‍य शिक्षा और प्रशिक्षण में परिवर्तन आयेगा बल्कि देश में स्‍वास्‍थ्‍य सेवा के पेशेवर लोगों की कमी भी दूर होगी. नए एम्‍स की स्‍थापना से आबादी को सुपर स्‍पेशियलिटी स्‍वास्‍थ्‍य सेवा प्रदान करने और डॉक्‍टर और अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों का पूल बनाने का दोहरा उद्देश्‍य प्राप्‍त होगा. नए एम्‍स के निर्माण, संचालन और रख-रखाव का खर्च पूरी तरह केन्‍द्र सरकार वहन करेगी.

•  इन राज्‍यों में नए एम्‍स की स्‍थापना से प्रत्‍येक एम्‍स में विभिन्‍न फैक्‍लटी तथा गैर फैक्‍लटी पदों पर लगभग 3000 लोगों को रोजगार मिलेगा. शॉपिंग सेंटर, कैंटीन जैसी सुविधा और सेवाओं के कारण नये एम्‍स के आस-पास के क्षेत्र में अप्रत्‍यक्ष रोजगार भी मिलेंगे. 

 

मंत्रिमंडल ने उज्ज्वला योजना के विस्तार की मंजूरी दी

•  केंद्र सरकार ने सभी गरीब परिवारों को नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराने के लिये उज्ज्वला योजना के विस्तार के पेट्रोलियम मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी. इस योजना को 2016 में शुरू किया गया.

•  इसके तहत मुख्यत: गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की महिलाओं को नि:शुल्क रसोई गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था. इसके तहत उन गरीब परिवारों को नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराया जा सकेगा जिनके पास अभी कनेक्शन नहीं है और जो योजना के मौजूदा प्रावधानों के तहत अभी इसका लाभ पाने के पात्र नहीं थ.

•  पहले कनेक्शन 2011 की सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के आधार पर दिये जा रहे थे. बाद में इसे बढ़ाकर में सभी अनुसूचित जाति एवं जनजाति परिवारों, जंगलों में रहने वाले लोगों, अति पिछड़ा वर्ग, द्वीपों के रहवासी, घुमंतू जनजातियों, चाय बगानों के रहवासी तथा प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अंत्योदय योजना के लाभार्थियों को भी शामिल कर दिया गया था. अब इसे बढ़ाकर सभी गरीब परिवारों को शामिल कर दिया गया है.

•  इस निर्णय से अब शत प्रतिशत परिवारों तक एलपीजी कनेक्शन की सुविधा पहुंच सकेगी. इस योजना में केंद्र सरकारी तेल कंपनियों को प्रति कनेक्शन 1,600 रूपये की सब्सिडी देती है. यह सब्सिडी सिलेंडर की जमानत और फिटिंग शुल्क के लिए होती है. ग्राहकों को चूल्हा खुद खरीदना होता है. सरकार चूल्हे और पहले भरे हुए सिलेंडर की कीमत मासिक किस्तों में भरने की छूट देती है.

 

सीसीईए ने आदिवासी छात्रों के लिए आवासीय स्कूलों की स्थापना को मंजूरी दी

•  आर्थिक मामलों पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की समिति (सीसीईए) ने उन विकास खंडों में एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों की स्थापना करने को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी जहां पर अनुसूचित जनजाति की आबादी 50 प्रतिशत से ज्यादा हो और कम से कम 20 हजार आदिवासी लोग रहते हों.

•  सीसीईए ने योजना के लिए 2018-2019 और 2019-20 के लिहाज से 2,242.03 करोड़ रुपये की आर्थिक लागत को मंजूरी दी है.   सीसीईए ने जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों को चलाने के लिए नवोदय विद्यालय समिति के समान एक स्वायत्त सोसाइटी गठित करने को भी मंजूरी दे दी है.

•  समिति ने 163 आदिवासी बहुल जिलों में 2022 तक पांच-पांच करोड़ रुपये की लागत से खेल सुविधाएं स्थापित करने को भी मंजूरी दे दी.

 

मंत्रिमंडल ने पटना में गंगा नदी पर 4 लेन के पुल के निर्माण को मंजूरी दी

•  आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने बिहार की राजधानी पटना में गंगा नदी पर गांधी सेतु के समानांतर एक नये 5.634 किलोमीटर लंबे 4 लेन के पुल के निर्माण को मंजूरी दे दी है. इस पर 2,926.42 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा और यह साढ़े तीन साल में बनकर तैयार होगा. जनवरी, 2023 में इसके बनकर तैयार होने की संभावना है.

•  वर्तमान महात्मा गांधी सेतु के 38 मीटर पश्चिम अपस्ट्रीम में ईपीसी मोड में इस नये पुल का निर्माण होगा. उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाला यह मेगा परियोजना साढ़े 14 किलोमीटर लंबी होगी. पुल पटना, सारण व वैशाली जिले से गुजरेगी. इसके निर्माण में चार अंडरपास, एक आरओबी, 1580 मीटर लंबा एक बाइडक्ट, 110 मीटर का फ्लाईओवर, चार छोटे-छोटे पुल, पांच बस शेल्टर व 13 रोड जंक्शन बनाये जायेंगे.

•  नये पुल के निर्माण होने के बाद गंगा नदी पर पटना में आठ लेन का दो पुल हो जायेगा. इसमें एक तरफ से जाने व दूसरे तरफ से आने की व्यवस्था होने से लोगों को राहत मिलेगी. लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या से जुझना नहीं पड़ेगा.

•  नये पुल के बन जाने से उत्तर बिहार, नेपाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तर बंगाल के लिए सहूलियत होगी. साथ ही सामाजिक, आर्थिक लाभ भी मिलेगी. गंगा नदी पर यह 30वां पुल होगा. उल्लेखनीय है कि मई 2014 से पहले इलाहाबाद से फरक्का में गंगा नदी पर केवल 13 पुल थे. इसके बाद इन हिस्सों में अतिरिक्त 20 पुलों की योजना है.

 

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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