टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 20 मार्च 2020 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से -कमलनाथ सरकार और कोरोना वायरस आदि शामिल हैं.
मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट से पहले ही सीएम कमलनाथ ने दिया इस्तीफा
सुप्रीम कोर्ट ने 19 मार्च 2020 को राज्य की कमलनाथ सरकार को 20 मार्च 2020 को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट करने का आदेश दिया था. मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के त्यागपत्र देने से सियासी संकट पैदा हुआ है.
गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद उनके समर्थक 22 विधायकों ने भी पार्टी छोड़ दी थी. इसके बाद से ही मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट छा गया था. ज्योतिरादित्य सिंधिया काफी दिनों से कांग्रेस में हो रही उनकी उपेक्षा के चलते नाराज थे.
प्रधानमंत्री नें क्यों की जनता कर्फ्यू की अपील, जानिए इसके बारे सबकुछ
प्रधानमंत्री ने कहा कि 'ये संकट ऐसा है, जिसने विश्व भर में पूरी मानवजाति को संकट में डाल दिया है. सरकार कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए लगातार इससे लोगों को बचाने की कोशिश में लगी है. दरअसल, कोरोना वायरस फैलने की चार अलग-अलग स्टेजेस हैं. जिनमें से भारत दूसरी स्टेज में है.
जनता कर्फ्यू जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू है. प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में भारत की जनता से आग्रह किया कि वे सभी आने वाले 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कर्फ्यू का पालन करें. उन्होंने कहा कि ये जनता कर्फ्यू एक प्रकार से भारत के लिए एक कसौटी की तरह होगा.
Nirbhaya Case: निर्भया को मिला इंसाफ, फांसी पर लटकाए गए सभी दोषी
राजधानी दिल्ली में साल 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप कांड में लगभग सवा सात साल के बाद इंसाफ हुआ है. तिहाड़ जेल के फांसी घर में 20 मार्च 2020 को सुबह ठीक 5.30 बजे निर्भया के चारों दोषियों को फांसी दी गई.
निर्भया के चारों दोषियों विनय, अक्षय, मुकेश और पवन गुप्ता को एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाया गया. यह पहला मौका है जब तिहाड़ में चार अपराधियों को एक साथ फांसी पर लटकाया गया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि निर्भया मामले के दोषियों को फांसी दिए जाने पर कहा, न्याय की जीत हुई.
भारत के महान फुटबॉल खिलाड़ी पीके बनर्जी का निधन
पीके बनर्जी भारतीय फुटबॉल का बड़ा सितारा रहे. वे साल 1962 में एशियन गेम्स (Asian Games) की गोल्ड मेडलिस्ट भारतीय टीम का हिस्सा थे. वे पिछले कुछ समय से निमोनिया के कारण श्वास की बीमारी से जूझ रहे थे.
पीके बनर्जी को साल 1961 में ‘अर्जुन पुरस्कार’ दिया गया था. यह पुरस्कार पाने वाले बनर्जी प्रथम फ़ुटबॉल खिलाड़ी थे. पीके बनर्जी को रिटायरमेंट के बाद कोच के रूप में फ़ुटबॉल से जुड़े रहे. उन्होंने कलकत्ता के मोहन बागान तथा ईस्ट बंगाल क्लब के कोच के रूप में कार्य किया.
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