न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) ने 02 सितंबर, 2021 को संयुक्त अरब अमीरात, उरुग्वे और बांग्लादेश को अपने नए सदस्यों के तौर पर स्वीकार किया है. इस बैंक की स्थापना उन सभी देशों द्वारा की गई है जो ब्रिक्स ब्लॉक का हिस्सा हैं.
ब्रिक्स देशों के समूह में पांच प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं - ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका. इन अर्थव्यवस्थाओं ने वर्ष, 2015 में न्यू डेवलपमेंट बैंक का शुभारंभ किया था.
इस बैंक ने अपने नवीनतम विस्तार क्रम में वर्ष, 2020 में संभावित नए सदस्यों के साथ औपचारिक बातचीत शुरू की थी.
महत्त्व
न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष, मार्कोस ट्रॉयजो ने अपने एक बयान में यह कहा था कि, "नए सदस्यों को उनके बुनियादी ढांचे और सतत विकास के लिए आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए NDB में एक मंच भी होगा." उन्होंने यह भी कहा कि, "हम धीरे-धीरे और संतुलित तरीके से इस बैंक की सदस्यता का विस्तार करना जारी रखेंगे."
न्यू डेवलपमेंट बैंक
• न्यू डेवलपमेंट बैंक, जिसे पहले ब्रिक्स डेवलपमेंट बैंक के नाम से भी जाना जाता था, का मुख्यालय चीन के शंघाई में ब्रिक्स टॉवर में है.
• यह बैंक मुख्य रूप से ऋण, गारंटी, इक्विटी भागीदारी और अन्य वित्तीय साधनों के माध्यम से सार्वजनिक या निजी परियोजनाओं का समर्थन करता है.
• भारत द्वारा वर्ष, 2012 में चौथे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान, इस बैंक की स्थापना का विचार प्रस्तुत किया गया था, जिसकी मेजबानी नई दिल्ली ने की थी.
न्यू डेवलपमेंट बैंक की सदस्यता
• न्यू डेवलपमेंट बैंक के पांच संस्थापक सदस्यों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.
• इस बैंक की सामान्य रणनीति वर्ष, 2017-2018 में अपनी सदस्यता के विस्तार के लिए बैंक की योजनाओं का खुलासा किया गया था. इस सदस्यता के विस्तार को बैंक के व्यापार विकास को बढ़ावा देने में मदद करने के माध्यम से, इसके दीर्घकालिक विकास के लिए महत्त्वपूर्ण माना जाता था.
• संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश इस बैंक के सदस्य हो सकते हैं लेकिन ब्रिक्स देशों का हिस्सा कभी भी इसकी मतदान शक्ति के 55 प्रतिशत से कम नहीं हो सकता है.
उद्देश्य
इस बैंक का उद्देश्य सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक रूप से टिकाऊ परियोजनाओं के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित विकास योजनाओं में योगदान प्रदान करना है.
पृष्ठभूमि
अपने लॉन्च के बाद से, न्यू डेवलपमेंट बैंक ने पानी, स्वच्छता, परिवहन, स्वच्छ ऊर्जा, डिजिटल और सामाजिक बुनियादी ढांचे सहित विभिन्न क्षेत्रों में फैले अपने सभी पांच सदस्य देशों में 30 बिलियन डॉलर की लगभग 80 परियोजनाओं पर हस्ताक्षर किए हैं.
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