संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश में लगभग नौ लाख रोहिंग्या शरणार्थियों की जरूरतों को पूरा करने हेतु 95.1 करोड़ डॉलर अर्थात 6200 करोड़ रुपये की अपील की है.
म्यांमार से बाहर रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र और गैर सरकारी संगठनों ने मिलकर रोहिंग्या मानवीय संकट से निपटने के लिए एक साझा प्लान जारी किया है.
योजना से संबंधित मुख्य तथ्य:
इस योजना में म्यांमार के शरणार्थियों को जगह देने वाले 330,000 से ज्यादा असुरक्षित बांग्लादेशियों को भी शामिल किया गया है.
रोहिंग्या मानवीय संकट के लिए अपील शरणार्थियों के लिए यूएन हाई कमिश्नर फिलिपो ग्रांडी, आईओएम महाप्रबंधक विलियम स्वींग और बांग्लादेश में यूएन निवासी समन्वयक मिया सेप्पो द्वारा शुरू की गई है.
यूएन एजेंसियों ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी आबादी को प्रतिदिन 1.6 करोड़ लीटर से ज्यादा स्वच्छ जल, प्रत्येक माह 12,200 मीट्रिक टन खाद्य पदार्थ और कम से कम 180,000 रोहिंग्या परिवारों को खाना पकाने वाले ईंधन की जरूरत है.
पृष्ठभूमि:
म्यांमार द्वारा रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ पिछले छह महीनों से चलाये जा रहे अभियान के कारण समुदाय के करीब सात लाख लोग देश छोड़ कर बांग्लादेश चले गये हैं. रोहिंग्या मुसलमानों को व्यापक पैमाने पर भेदभाव और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है. म्यांमार से अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमानों का पलायन जारी है. म्यांमार के मुसलमानों में रोहिंग्या की संख्या सबसे ज़्यादा है. उनमें से ज़्यादातर रखाइन प्रांत में रहते हैं.
संयुक्त राष्ट्र:
संयुक्त राष्ट्र एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है. संयुक्त राष्ट्र का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय कानून को सुविधाजनक बनाने में सहयोग, अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, मानव अधिकार और विश्व शांति के लिए कार्यरत है.
संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र पर 50 देशों के हस्ताक्षर होने के साथ हुई. द्वितीय विश्वयुद्ध के विजेता देशों ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र को अन्तर्राष्ट्रीय संघर्ष में हस्तक्षेप करने के उद्देश्य से स्थापित किया था.
वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र में 193 देश है, विश्व के लगभग सारे अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त देश है. इस संस्था की संरचन में आम सभा, सुरक्षा परिषद, आर्थिक व सामाजिक परिषद, सचिवालय और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय सम्मिलित है.
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