इंटर– पार्लियामेंट्री यूनियन (आईपीयू) और संयुक्त राष्ट्र की महिला शाखा ने 15 मार्च 2017 को राजनीति में महिलाओं की भूमिका पर सर्वे 2017 जारी किया. सर्वे 2017 के अनुसार विश्व में राष्ट्र प्रमुख या सरकार के प्रमुख पद आसीन महिलाओं की संख्या में गिरावट आई है.
सर्वे 2017 के अनुसार उच्च पदों पर आसीन महिलाओं की संख्या में वर्ष 2015 की अपेक्षा कमी आई है. यह संख्या 19 से घट कर 17 रह गई है. संसद में महिलाओँ की संख्या में प्रगति की गति भी धीमी बनी हुई है. सर्वे 2017 के अनुसार भारत इस मामले में 148वें पायदान पर है.
महिलाओं की स्थिति पर यह रिपोर्ट 61वें आयोग की नियमावली के दृष्टिगत जारी किया गया. 61वें आयोग को महिलाओं के अधिकार और लैंगिक समानता हेतु बनाया गया सबसे बडे अंतर– सरकारी मंच के तौर पर जाना जाता है. वर्ष 2017 हेतु जारी किए गए सर्वे का विषय काम के क्षेत्र में बदलती दुनिया में महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण है.
संसद में सबसे अधिक महिलाओं वाले शीर्ष 10 देश -
रैंक देश निचले सदन में महिलाओं का प्रतिशत ऊपरी सदन में महिलाओं का प्रतिशत
1 रवांडा 61.3 38.5
2 बोलिविया 53.1 47.2
3 क्यूबा 48.9 –
4 आईसलैंड 47.6 –
5 निकारागुआ 45.7 –
6 स्विडन 43.6 –
7 सेनेगल 42.7 –
8 मैक्सिको 42.6 36.7
9 फिनलैंड 42.0 –
9 द. अफ्रीका 42.0 35.2
भारत की स्थिति-
• विश्व रैंकिंग में महिला सांसदों की संख्या के माक्मले में भारत 148वें पायदान पर है.
• रिपोर्ट के अनुसार, लोकसभा में महिलाओं का प्रतिशत 11.8 है जहां 542 सदस्यों वाले सदन में 64 निर्वाचित हो कर आईं हैं और राज्यसभा में 11% है. 245 सदस्यों के इस सदन में महिलाओं की संख्या 27 है.
• मंत्रिमंडल में पांच या 18.5 प्रतिशत के साथ महिला मंत्रियों की संख्या के मामले में भारत की रैंक 88 है. भारत में महिलाएं महत्वपूर्ण पदों पर हैं. उदाहरण के लिए सुमित्रा महाजन लोकसभा की अध्यक्ष हैं और सुषमा स्वराज केंद्रीय विदेश मंत्री.
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