संयुक्त राष्ट्र ने 6 मई 2016 को ऑन द फास्ट – ट्रैक टू इंड द एड्स एपिडेमिक शीर्षक से नई रिपोर्ट जारी की.
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अगर आने वाले पांच वर्षों में तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो एड्स की महामारी अनिश्चितकाल के लिए बनी रह सकती है.
रिपोर्ट से सम्बंधित मुख्य तथ्य
• रिपोर्ट के अनुसार बीते 15 वर्षों में की गई प्रक्रिया की असाधारण प्रगति का असर शून्य हो सकता है.
• संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट के माध्यम से सदस्य देशों से अपील की है कि वे वैश्विक एड्स महामारी को 2030 तक जन स्वास्थ्य खतरे के रूप में समाप्त करना सुनिश्चित करें.
• रिपोर्ट में बताया गया है कि 2004 में अपने सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने के बाद एड्स संबंधी मौतों में हुई 42 फीसदी की कमी में तेजी से किए गए उपचार पैमाने की मुख्य भूमिका रही है.
• रिपोर्ट यह भी बताती है कि हाल के वर्षों में एचआईवी से सबसे अधिक प्रभावित देशों में जीवन प्रत्याशा में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.
• इसमें एचआईवी संक्रमण के साथ जीवन बिता रहे लोगों द्वारा किए गए कार्यों और नेतृत्व के जरिए नागरिक समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की भी चर्चा की गई है.
• रिपोर्ट में एचआईवी और एड्स पर 2011 की राजनीतिक घोषणा के कार्यान्वयन की खामियों को भी बताया गया है.
• रिपोर्ट में ऐसे इलाकों पर ध्यान दिया गया है जहां एचआईवी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं जैसे पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया.
• वर्ष 2000 से 2014 के बीच इन इलाकों में एचआईवी के नए संक्रमण के मामलों में 30 फीसदी तक का इजाफा हुआ है.
• ये मध्य पूर्व और उत्तर अफ्रीका के साथ– साथ एशिया– प्रशांत इलाके में ड्रग्स का इंजेक्शन लेने वाले लोगों के बीच ज्यादा है.
• रिपोर्ट में दंडात्मक कानून और दमनकारी नीतियों की अनिवार्यता पर भी जोर दिया गया है जो समलैंगिंक संबंधों, नशीली दवाओं के प्रयोग को अपराध बताता है क्योंकि ये सेवाओं के उपयोग में बाधा बनते हैं.
• रिपोर्ट एचआईवी के लिए प्रतिक्रिया औऱ सतत विकास लक्ष्यों की सफलता के बीच संबंधों पर जोर देती है.
• अंत में इसमें सभी देशों से यह अपील की गयी है कि वे UNAIDS Fast-Track अप्रोच को अपनाएं और एड्स की महामारी को खत्म करें जो 2020 तक के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जरूरी है.
लक्ष्य
• इन लक्ष्यों को पूरा करने के साथ– साथ 2020 के लिए 90–90–90 उपचार लक्ष्य प्राप्त करना.
• इसका मतलब है कि एचआईवी के साथ जी रहे 90 फीसदी लोगों को उनकी स्थिति बताना, 90 फीसदी लोग जो अपने एचआईवी– पॉजिटिव होने की बात जानते हैं उन्हें उपचार प्रदान करना और अपना इलाज करा रहे 90 फीसदी लोगों का वायरल लोड्स दबा देना.
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