अमेरिका ने 8 मुस्लिम देशों से उड़ान भरने वाले विमानों के यात्रियों पर केबिन बैगेज में बड़े इलेक्ट्रॉनिक उरकरण के साथ यात्रा करने पर रोक लगा दी. साथ ही ब्रिटेन ने भी ऐसा ही आदेश जारी किया.
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मुस्लिम देशों के नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबन्ध सम्बन्धी आदेश जारी किया था. अमेरिका में यह प्रतिबन्ध 9 एयरलाइन्स पर लागू रहेगा.
अमेरिकी प्रतिबन्ध-
- अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के नए आदेश के अनुसार आठ मुस्लिम देशों के 10 एयरपोर्ट से कोई यात्री बड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लेकर अमेरिका नहीं आ सकते.
- सूचीबद्ध इन उपकरणों में लैपटॉप, टैबलेट, कैमरा, किंडल, और आईपैड शामिल हैं.
- अमेरिका ने जिन देशों के एयरपोर्ट से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के साथ यात्रा करने पर रोक लगाई है उनमें मिस्र का कायरो एयरपोर्ट, यूएई के दुबई और अबू धाबी एयरपोर्ट, तुर्की का इस्तांबुल एयरपोर्ट, कतर का दोहा, जॉर्डन का अम्मान, कुवैत एयरपोर्ट, मोरक्को का कैसाब्लांका एयरपोर्ट, सऊदी अरब का जद्दाह और रियाद एयरपोर्ट शामिल हैं.
- इस बैन में सेलफोन या मेडिकल डिवाइस को शामिल नहीं किया जाएगा.
ब्रिटेन ने छह मुस्लिम देशों पर प्रतिबन्ध लगाया-
- अमेरिका के इस आदेश के साथ ही ब्रिटेन ने भी इस प्रकार का आदेश जारी कर दिया.
- ब्रिटेन ने छह मुस्लिम देशों से यात्रा करने वाले यात्रियों पर ये रोक का आदेश जारी किया है.
- ये देश तुर्की, लेबनान, जॉर्डन, मिस्र, ट्यूनिशिया और सऊदी अरब हैं.
- यूके के इस आदेश से 14 एयरलाइन्स प्रभावित होंगी.
- इन 6 देशों से यूके आने वाले पैसेंजर्स प्लेन में अपने साथ फोन, लैपटॉप, टैबलेट या नॉर्मल साइज (16 सेमी लंबा, 9.3 सेमी चौड़ा और 1.5 सेमी मोटा) से ज्यादा स्मार्टफोन नहीं रख पाएंगे
मुख्य तथ्य-
- इस आदेश को लेकर अमेरिका का मानना है कि आतंकवादी विमानों को निशाना बनाने हेतु नए तरीकों को आज़माने में प्रयास रत है.
- ट्रंप प्रशासन के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक सामान में बम को छुपाया जा सकता है.
- अमेरिका ने संबंधित एयरलाइंस को फैसला लागू करने हेतु 96 घंटे का समय दिया.
- ब्रिटेन के अधिकारियों के अनुसार इस फैसले से लोगों को दिक्कत हो सकती है लेकिन हमारे लिए ब्रिटेन के नागिरकों की सुरक्षा सबसे ऊपर है.
- दुनिया में सबसे ज्यादा मुसलमान इंडोनेशिया में रहते हैं वहीं इस लिस्ट में भारत दूसरे नंबर पर है.
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