विश्व बैंक ने 13 अप्रैल 2016 को वर्ष 2015 की प्रवासन और विकास संबंधी संक्षेप रिपोर्ट जारी की. इसके अनुसार वर्ष 2015 में विदेशो में रह रहे लोगों द्वारा अपने देशों में भेजे गये भुगतान में मामूली बढ़ोतरी हुई.
इसका कारण तेल कीमतों में गिरावट एवं प्रवासियों की कम आय के अन्य कारण शामिल हैं जिसके कारण वे अपने देशों में कम राशि भेज पाए.
इसमें यह भी दर्ज किया गया कि 2012 में आरंभ हुई गिरावट 2015 में तेल कीमतों के गिरने पर पहले से अधिक हो गयी.
एक बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी के बावजूद भारत में वर्ष 2015 में सबसे अधिक भुगतान किया गया. इस वर्ष भारत में 69 बिलियन डॉलर का विदेशी भुगतान हुआ जो वर्ष 2014 में 70 बिलियन डॉलर था.
प्रवासन और विकास संबंधी संक्षेप रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
• वर्ष 2014 में भारत को इस माध्यम से कुल 70.4 बिलियन डॉलर का भुगतान प्राप्त हुआ.
• रिपोर्ट के अनुसार, अपने प्रवासी नागरिकों द्वारा भेजे गए भुगतान के मामले में विश्व के अन्य 4 देश क्रमशः चीन, फिलीपीन्स, मैक्सिको और नाइजीरिया हैं.
• इस प्रकार चीन 64 बिलियन डॉलर तथा फिलीपींस 28 बिलियन डॉलर का भुगतान प्राप्त कर क्रमशः दूसरे एवं तीसरे स्थान पर रहे.
• रिपोर्ट 2014 के अनुसार प्रवासी नागरिकों द्वारा अपने देश में कुल 583 बिलियन डॉलर धन भेजा गया.
• इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 के दौरान प्रवासियों को आकर्षित करने वाले देशों में पांच प्रमुख देश क्रमशः अमेरिका, सऊदी अरब, जर्मनी, रूस एवं संयुक्त अरब अमीरात हैं.
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भविष्यवाणी
विश्व बैंक ने अपनी इस रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2016 में विदेशी भुगतान में सुधार आने की उम्मीद है.
संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरो क्षेत्र में निरंतर आर्थिक सुधार के चलते इन दरों में सुधार आएगा तथा अमेरिकी डॉलर की विनिमय दरों के स्थिरीकरण के चलते भी सुधार की उम्मीद है.
इसके अतिरिक्त तेल की कीमत इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहलू है. तेल की कीमतों में अप्रत्याशित गिरावट से रूस, जीसीसी देशों से अधिक भुगतान होने की उम्मीद है.
क्षेत्रवार भुगतान आंकड़े
• भौगोलिक दृष्टि से क्षेत्रीय ट्रेंड्स में, लैटिन अमेरिका एवं कैरिबियन क्षेत्र में वर्ष 2015 में सबसे तेज़ी से वृद्धि हुई. अमेरिका में हुए आर्थिक सुधारों के कारण इन क्षेत्रों में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. वर्ष 2016 में यह तेजी धीमी रहने के आसार हैं. वर्ष 2015 में 66.7 बिलियन डॉलर विदेश से भेजे गये जबकि 2016 में 69.3 बिलियन डॉलर भेजे जाने का अनुमान है.
• पूर्वी एशिया एवं पसिफ़िक क्षेत्र में भेजी गयी विदेशी मुद्रा में 4.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो 2014 की 7.4 प्रतिशत की दर से काफी कम है. इसके बावजूद यह क्षेत्र विदेश से भेजे जाने वाली मुद्रा का सबसे बड़ा क्षेत्र बना रहा.
• दक्षिण एशिया में विदेशों से भेजी गयी राशि में 2015 में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई जबकि 2014 में 4.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गयी. भारत के अतिरिक्त श्रीलंका एवं नेपाल में भी भुगतान में तेजी देखने को मिली. वर्ष 2016 में इस क्षेत्र में 123.3 बिलियन डॉलर का भुगतान होने की उम्मीद है, वर्ष 2015 में यह आंकड़ा 117.9 बिलियन डॉलर था.
• सब-सहारा अफ्रीका में 2015 में 1 प्रतिशत का सुधार देखा गया जबकि 2014 में यह 0.2 प्रतिशत था. इस क्षेत्र में भुगतान 3.4 प्रतिशत बढ़कर 36 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है जो 2015 में 35.2 बिलियन डॉलर था.
• मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में यह दर 0.9 प्रतिशत कम हुई जो 2014 में 4 प्रतिशत थी. इसका सबसे अधिक प्रभाव मिस्र में देखने को मिला. हालांकि इस क्षेत्र में 2.6 प्रतिशत की दर से 51.6 बिलियन डॉलर के भुगतान की सम्भावना है जो 2015 में 50.3 बिलियन डॉलर थी.
• वर्ष 2015 में यूरोप एवं मध्य एशिया में भुगतान सबसे अधिक प्रभावित हुआ. रूस की मुद्रा में गिरावट एवं अर्थव्यवस्था में मंदी के कारण भुगतान में कमी आई. इस क्षेत्र में वर्ष 2015 में प्रवासी नागरिकों द्वारा 34.6 बिलियन डॉलर का भुगतान किया गया जबकि वर्ष 2016 में इसका 5.1 प्रतिशत की दर से 36.3 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है.


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