12 नवंबर: विश्व निमोनिया दिवस
विश्व निमोनिया दिवस 12 नवंबर 2016 को निमोनिया रोकने की शपथ थीम के साथ विश्व भर में मनाया गया.
इस अवसर पर निमोनिया के प्रति जागरूकता बढ़ाने, रोकथाम और उपचार को बढ़ावा देने और बीमारी से लड़ने के तरीकों के साथ विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए.
• निमोनिया दुनिया भर में पांच साल से कम आयु के बच्चों के लिए मौत का एक प्रमुख कारण है.
• आंकड़ों के अनुसार नन्हे बच्चों को निमोनिया से बचाव के लिए देखभाल और सावधानी की अति आवश्यकता है.
• बच्चों को निमोनिया से बचाव हेतु समुचित इलाज व एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है.
निमोनिया और डायरिया (जी एपीपी डी/GAPPD) हेतु डब्ल्यूएचओ की वैश्विक कार्य योजना-
• बचपन में निमोनिया से होने वाली मौतों में बचाव कर उनमे कमी लाना
• कवरेज में सुधार करना
• 139 देशों में आवश्यक नीतियों को लागू करना
विश्व निमोनिया दिवस के बारे में-
• निमोनिया एक तरह का संक्रमण है. जो एक या दोनों फेफड़ों को प्रभावित करता है. इससे फेफड़े में सूजन हो जाती है.
• निमोनिया के संक्रमण से फेफड़ों में तरल पदार्थ या मवाद के साथ भरने 'हवा की थैलियों बन जाती है.
• प्राथमिक रूप से खांसी और कफ, बुखार, ठंड लगना, उल्टी और सांस लेने में कठिनाई इसके प्रमुख लक्षण होते है.
• निमोनिया अल्वियोली (कूपिका) कहे जाने वाले बेहद सूक्ष्म (माइक्रोस्कोपिक) वायु कूपों को प्रभावित करता है.
• निमोनिया से निपटने हेतु नवंबर 2009 में विश्व निमोनिया दिवस का आरम्भ किया गया. जिसका उद्देश्य निमोनिया के प्रति आम लोगों के मध्य जागरूकता बढ़ाना है.
• निमोनिया से बच्चों के बचाव हेतु वैश्विक स्तर पर 140 से अधिक गैर सरकारी संगठनों, शैक्षिक संस्थानों, सरकारी एजेंसियों ने संगठन स्थापित किया है. जिसे विश्व निमोनिया दिवस नेतृत्व प्रदान करता है.
• वर्ष 2015 में मनाए गए विश्व निमोनिया दिवस का विषय प्रत्येक सांस की के साथ निमोनिया रोअकाने का संकल्प था.
आंकड़ों के अनुसार वार्षिक रूप से, निमोनिया लगभग 450 मिलियन लोगों को प्रभावित करता है जो कि विश्व की जनसंख्या का सात प्रतिशत है.
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