China: शी जिनपिंग का वर्चस्व कायम, तीसरी बार बने राष्ट्रपति, विरोध में एक भी मत नहीं पड़े
चीन की राजनीति में शी जिनपिंग का वर्चस्व अब भी कायम है, राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तीसरी बार चीन का राष्ट्रपति चुन लिया गया. पिछले वर्ष अक्टूबर में चीन की पीपल्स पार्टी की वार्षिक बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें नेशनल पीपल्स कांग्रेस में शी जिनपिंग को शीर्ष नेता चुन लिया गया था.

चीन की राजनीति में शी जिनपिंग का वर्चस्व अब भी कायम है, राष्ट्रपति शी जिनपिंग को तीसरी बार चीन का राष्ट्रपति चुन लिया गया. शी जिनपिंग को राष्ट्रपति चुनने के पक्ष में रिकॉर्ड 2,952 मत पड़े वही विरोध में एक भी मत नहीं पड़े, जिसके बाद जिनपिंग को सर्वसम्मति से तीसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति के रूप में चुन लिया गया और उन्होंने अधिकारिक तौर पर अपना पद संभाल लिया है.
पिछले वर्ष अक्टूबर में चीन की पीपल्स पार्टी की वार्षिक बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें नेशनल पीपल्स कांग्रेस में शी जिनपिंग को शीर्ष नेता चुन लिया गया था.
Xi Jinping unanimously elected president of the People's Republic of China (PRC) and chairman of the Central Military Commission (CMC) at the ongoing session of the 14th National People's Congress, reports Xinhua news agency.
— ANI (@ANI) March 10, 2023
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विरोध में एक भी मत नहीं:
चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ताकत का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उनके समर्थन में सभी वोट पड़े वही उनके विरोध में एक भी मत नहीं पड़े. इसके साथ ही उन्हें चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन का अध्यक्ष भी चुन लिया गया है.
मौजूदा वैश्विक हालात को देखते हुए चीन में उनकी नियुक्ति को काफी अहम माना जा रहा है. यह चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से गोपनीय रखी गयी थी. चुनाव के चार मतपत्रों को बीजिंग में ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल के विशाल सभागार में रखा गया था. इस चुनाव के लिए उम्मीदवारों की कोई सूची भी जारी नहीं की गयी थी.
चीनी संविधान में हुआ था परिवर्तन:
चीन के संविधान में पहले यह प्राविधान था कि कोई भी दो कार्यकाल से अधिक राष्ट्रपति के पद पर नहीं रह सकता है, लेकिन बाद में उसमें परिवर्तन कर दिया गया. जिसके बाद शी जिनपिंग तीसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति चुने गए. अब आने वाले समय में यह देखने वाली बात होगी की शी जिनपिंग चीन की राजनीति में कब तक सक्रिय रहते है.
माओत्से तुंग के बाद से, चीन में राष्ट्रपति के कार्यकाल को दो कार्यकालों तक सीमित कर दिया गया था. लेकिन शी जिनपिंग ने वर्ष 2018 में इस प्रतिबंध को बदल दिया था.
चीन के सबसे ताकतवर नेता:
शी जिनपिंग वर्ष 2013 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के प्रेसिडेंट बने थे. 69 वर्षीय शी ने पार्टी में किसी भी संभावित चुनौती को समाप्त करते हुए, पूरी पार्टी का कंट्रोल अपने हाथों में ले लिया और चीन के सबसे ताकतवर नेता के रूप में उभरे. शी जिनपिंग ने खुद को माओत्से तुंग के बाद चीन के सबसे शक्तिशाली नेता के रूप में स्थापित किया.
शी जिनपिंग का राजनीतिक करियर:
शी जिनपिंग वर्तनाम में चीन के सबसे ताकतवर नेता है. वह चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के महासचिव और केंद्रीय सैन्य आयोग (CMC) के प्रेसिडेंट भी है, साथ ही चीन की राजनीति में उनकी बादशाहत 2012 से ही कायम है.
उन्हें 14 मार्च 2013 को चीन के 7वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सचिवालय के प्रथम सचिव के रूप में वह 22 अक्टूबर 2007 से 15 नवंबर 2012 तक रहे थे. शी जिनपिंग चीन के 8वें उपराष्ट्रपति के रूप में 15 मार्च 2008 से 14 मार्च 2013 तक अपनी सेवाएं दी थी.
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