अमेरिका के वाणिज्य विभाग के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्डस एंड टेक्नोलॉजी (एनआईएसटी) ने अप्रैल 2014 के पहले सप्ताह में एक नए आण्विक घड़ी एनआईएसटी– एफ2 को लांच किया. इस घड़ी को नए अमेरिकी नागरिक समय और आवृत्ति के साथ वर्तमान एनआईएसएफ– एफ1 मानक के साथ डिजाइन किया गया है.
एनआईएसटी का दावा है कि करीब 300 मिलियन वर्ष में इस घड़ी में न तो एक सेकेंड की बढ़ोतरी होगी न ही एक सेकेंड की कमी क्योंकि यह अपने पूर्ववर्ती एनआईएसटी– एफ1 के मुकाबले तीन गुना अधिक सटीक है.
एनआईएसटी एफ1 साल 1999 से मानक के रूप मेंकाम कर रहा है. दोनों ही घड़ियां में सेकेंड की सटीक अंतराल को मापने के लिए सीजियम परमाणुओं का इस्तेमाल होता है.
एनआईएसटी के वैज्ञानिकों का दावा है कि अंतरराष्ट्रीय बाट और माप ब्यूरो (बीआईपीएम) के मुताबिक उनकी नई घड़ी का डाटा विश्व का सबसे सटीक समय मानक है. बीआईपीएम फ्रांस में पेरिस के निकट स्थित है.
समन्वित वैश्विक समय (यूटीसी), अंतरराष्ट्रीय मानक समय बताने के लिए एजेंसी आण्विक घड़ियों से ही आंकड़ा लेती है.
वर्तमान में विश्व में सेल फोन, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) सेटेलाइट रीसिवर्स , इलेक्ट्रिक पावर ग्रिड जैसी प्रौद्योगिकियां आण्विक घड़ियों की उच्च सटीकता पर निर्भर हैं.
एनआईएसटी के बारे में
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड्स एंड टेक्नोलॉजी की स्थापना 1901में हुई थी और फिलहाल यह अमेरिका के वाणिज्य विभाग का एक हिस्सा है. यह देश के सबसे पुराने भौतिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में से एक है. इंग्लैंड, जर्मनी और अन्य दूसरे आर्थिक प्रतिद्वंद्वियों से पार पाने में आने वाली प्रमुख बाधा को दूर करने के लिए कांग्रेस ने इसकी स्थापना की थी.
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