केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन अंतर राज्य परिषद सचिवालय (Inter-State Council Secretariat, आईएससीएस) ने कनाडा के ओटावा स्थित फोरम ऑफ फेडरेशंस (एफओएफ) के साथ अगले तीन वर्षो (2015-18) के लिए समझौता किया. समझौते पर आईएससीएस ((Inter-State Council Secretariat) के सचिव एसके दास और फोरम के अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. रूपक चटोपाध्याय ने 24 मार्च 2015 को हस्ताक्षर किए.
उद्देश्य
इस समझौते में भारत के साथ शासन में सुधार तथा व्यवहारों सिद्धांतों और संघवाद के सिद्धांतों के जरिये लोकतंत्र को बढ़ाने के लिए समर्थनकारी अंतरराष्ट्रीय साझेदारी की व्यवस्था है.
फोरम ऑफ फेडरेशन
फोरम ऑफ फेडरेशन संघीय देशों का अंतरराष्ट्रीय संगठन तथा एक रणनीतिक परिषद है जो रणनीतिक योजना पर सलाह देती है. रणनीतिक परिषद में प्रत्येक साझेदार देश प्रतिनिधि होता है.
फोरम ऑफ फेडरेशन के कार्य
यह संगठन शासन में सुधार तथा लोकतंत्र प्रोत्साहन में सरकार चलाने वालों और शिक्षाविदों को एक साथ लाता है. ये संगठन विश्व में लोकतंत्र और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान देता है. फोरम साझेदारों देशों को वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा बनने का अवसर देता है. यह नेटवर्क आंतरिक और अंतरराष्ट्रीय वाद-विवादों की अध्ययन की व्यवस्था करता है. फोरम अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में संघवाद के व्यवहार को सुधारने का काम करता है.
फोरम ऑफ फेडरेशन के सदस्य
फोरम का धनपोषण 10 सदस्य देश- ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, इथियोपिया, जमर्नी, भारत, मैक्सिको, नाइजेरिया, पाकिस्तान और स्वीटजरलैंड करते हैं.
फोरम ऑफ फेडरेशन और भारत
भारत फोरम द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और कार्यशालाओं में भाग लेकर लाभान्वित होता रहा है. भारत ने 5-8 नवंबर 2007 को नई दिल्ली में संघवाद पर चौथे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया था. भारत ने हाल में बोर्ड ऑफ गवनर्स की स्वीटजरलैंड में हुई बैठक में भाग लिया था.
वर्ष 2015 के अंत में नई दिल्ली में सहकारी संघवाद पर अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन प्रस्तावित करने का प्रस्ताव है. वर्ष 2015-18 में फोरम नॉलेज पार्टनर होगा.
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