केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 28 फरवरी 2015 को वर्ष 2015-16 का आम बजट लोकसभा में पेश किया. वर्तमान मोदी सरकार का यह पहला आम बजट है. वित्त मंत्री ने निम्न बातों को अपने बजट भाषण में शामिल किया:
आम बजट 2015-16: सारांश
• सकल कर प्राप्तियां- 14.49 लाख करोड़ रुपए.
• गैर-योजनागत व्यय 1312200 करोड़ रुपए.
• रक्षा आवंटन 246,727 करोड़ रुपए.
• मनरेगा के लिए 34,699 करोड़ रुपये का आरंभिक आवंटन.
• इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया है, मौजूदा टैक्स छूट बरकरार रहेगी.
• जिनकी आमदनी एक करोड़ से ऊपर है, उन पर 2 प्रतिशत सेस लगाया जायेगा.
• कॉर्पोरेट टैक्स 30 प्रतिशत से कम करके 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव.
• एक लाख रुपये से ऊपर की खरीद पर पैन नंबर जरूरी.
• सरचार्ज को 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया.
• सेवा कर 12.36 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया गया.
• बुजुर्गों को मेडिकल खर्च पर 30,000 की छूट.
• मेडिकल इंश्योरेंस पर छूट 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार की गई. वरिष्ठ नागरिकों के लिए 10 हजार से बढ़ाकर 30 हजार.
• स्वच्छ भारत कोष में दान पर 100 प्रतिशत रियायत.
• सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी की नई दर होगी 12.5 प्रतिशत.
• वेल्थ टैक्स खत्म करने का प्रस्ताव.
• घरेलू विनिर्माण एवं ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहन के जरिए नए रोजगारों के सृजन पर जोर.
• स्वच्छ भारत कोष और स्वच्छ गंगा निधि में अंशदान पर 100 फीसदी कटौती की घोषणा.
• केंद्र प्रायोजित 8 योजनाओं को केंद्रीय सहायता से मुक्त करने की घोषणा.
• 24 योजनाएं परिवर्तित हिस्सेदारी के साथ चलाई जाएंगी जबकि 31 योजनाओं को सरकार से पूरी सहायता मिलेगी.
• देशभर में फैले डाक नेटवर्क का उपयोग औपचारिक वित्तीय प्रणाली तक पहुंच बढ़ाने के लिए किया जाएगा.
• सुकन्या समृद्धि खाता योजना के तहत बालिकाओं के लिए धारा-80सी के तहत कर लाभ.
• बुनियादी ढांचे में निवेश 70,000 करोड़ रुपये बढ़ा, पांच नई अल्ट्रा मेगा पावर परियोजनाएं स्थापित होगी.
• कुडानकुलम नाभिकीय बिजली स्टेाशन की दूसरी इकाई वर्ष 2015-16 में शुरू होगी.
• बजट भाषण में सरकार की प्राथमिकताओं में प्राकृतिक संसाधनों का प्रभावी और अधिकतम आवंटन और वित्तीय समावेषण पर जोर दिया गया.
• आम लोगों के विकास के लिए नीलामी के माध्यम से कोयला और खनिज जैसे प्राकृतिक संसाधनों का प्रभावी और अधिकतम पारदर्शी आवंटन पर जोर.
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