भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 29 अप्रैल 2015 को केवाईसी नियमों और मनी लॉन्ड्रिंग नियमों का उल्लंघन करने पर सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों पर कुल 4.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र, देना बैंक और ओरिएण्टल बैंक ऑफ कॉमर्स पर कुल 4.5 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया.
भारतीय रिजर्व बैंक ने यह दंड बैंक विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 47ए (1) के प्रावधानों के तहत भारतीय रिजर्व बैंक में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाए. इसके अलावा आरबीआई ने आठ अन्य बैंकों को नियमों का कड़ाई से पालन करने की चेतावनी भी दी. इनमें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, यूको बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और विजया बैंक शामिल है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने भविष्य में बैंको को केवाईसी आवश्यकताओं के सख्त अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर उपयुक्त उपाय और समीक्षा की व्यवस्था करने को कहा गया.
रिजर्व बैंक की ओर से यह कार्रवाई निजी संगठन की शिकायत पर की गई. उसने पाया कि खातों को खुलवाने में बिचौलिये शामिल थे. आरबीआइ ने 11 बैंकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें सभी बैंकों ने अलग-अलग स्पष्टीकरण दिए थे.
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