भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी आलोक जोशी को भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का निदेशक और सैयद आसिफ इब्राहीम को इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) का निदेशक नियुक्त किया गया. आसिफ इब्राहीम इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख बनने वाले पहले मुस्लिम हैं.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने वर्ष 1976 बैच के हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी आलोक जोशी की नियुक्ति को मंजूरी दी. आलोक जोशी द्वारा संजीव त्रिपाठी का स्थान लिया जाना है. आलोक जोशी ने आईबी और हरियाणा पुलिस में अनेक पदों पर काम किया और उन्होंने नेपाल तथा पाकिस्तान में अहम अभियानों का संचालन किया.
इसके अलावा वर्ष 1977 बैच के आईपीएस अधिकारी अमिताभ माथुर को उड्डयन अनुसंधान केंद्र (एआरसी) में नियुक्त किया गया. यह संगठन रॉ का हिस्सा है और चित्रों से खुफिया जानकारी इकट्ठी करने, हवाई निगरानी और सीमाओं पर निगरानी का काम करता है.
कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने सैयद आसिफ इब्राहीम को इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) का निदेशक नियुक्त किया. 59 वर्षीय सैयद आसिफ इब्राहीम वर्ष 1977 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. सैयद आसिफ इब्राहीम द्वारा मौजूदा निदेशक से नए निदेशक तक अधिकार हस्तांतरण की प्रक्रिया के तहत 31 दिसंबर 2012 को सेवानिवृत्त हो रहे नेहचल संधू का स्थान लिया जाना है. सैयद आसिफ इब्राहीम का 1 जनवरी 2013 से 1 जनवरी 2015 तक निश्चित कार्यकाल होगा. लंदन में काम करके लौटने के बाद फिलहाल आईबी में विशेष निदेशक के तौर पर कार्यरत सैयद आसिफ इब्राहीम लगभग तीन दशक से इस संस्थान के साथ जुड़े हैं और कश्मीर, नक्सल, सुरक्षा और साइबर सुरक्षा जैसे अभियानों को अनेक पदों पर रहते हुए संभाल चुके हैं. सैयद आसिफ इब्राहीम माधव राव सिंधिया और मुफ्ती मोहम्मद सईद के निजी सचिव भी रहे.
रिसर्च एंड एनालिसिस विंग: रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) भारत का अंतर्राष्ट्रीय गुप्तचर संस्था है. इसका गठन सितंबर 1968 में किया गया था. जब अन्वेषण ब्यूरो (जो पहले घरेलु व अंतर्राष्ट्रीय मामले संभालती था) वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध व वर्ष 1956 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अच्छी तरह कार्य नहीं कर पाया था, जिसके चलते भारतीय सरकार को एक ऐसी संस्था की ज़रूरत महसूस हुई जो स्वतन्त्र और सक्षम तरीके से बाहरी जानकारियाँ जमा कर सके.
रॉ का मुख्य कार्य जानकारी इकठ्ठा करना, आतंकवाद को रोकना व गुप्त ऑपरेशनों को अंजाम देना है. इसके साथ ही यह विदेशी सरकारों, कंपनियों व इंसानों से मिली जानकारी पर कार्य करना है, ताकि भारतीय नीति निर्माताओं को सलाह दी जा सके. रॉ का मुख्यालय नई दिल्ली में है.
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