उर्दू कवि, लेखक और वक्ता बशर नवाज का संक्षिप्त बीमारी के बाद महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 8 जुलाई 2015 को निधन हो गया. वे 80 वर्ष के थे. उनके परिवार में चार बेटे और छह बेटियां है. हिंदी फिल्म ‘बाजार’ का लोकप्रिय गीत 'करोगे याद तो हर बात याद आएगी' को बशर नवाज ने लिखा था.
बशर नवाज से संबंधित मुख्य तथ्य
• बशर नवाज का पहला कविता संग्रह ‘कलाम-ए-रैगान’ है.
• उन्हें उर्दू साहित्य में योगदान के लिए ‘पुलोत्सव सम्मान’ प्रदान किया गया.
• वह शुरुआत में वामपंथी आंदोलन से काफी प्रभावित रहे और इसकी छाप उनकी कविताओं में भी दिखती है.
• नवाज ने कुछ हिंदी फिल्मों के लिए गीत लिखे, रेडियो के लिए नाटक और टेलीविजन सीरियल अमीर खुसरो के लिए स्क्रिप्ट भी लिखी.
• उन्होंने बाजार के अलावा लोरी, जाने वफा और तेरे शहर में आदि फिल्मों के लिए भी गीत लिखे.
• उनके गीतों को मोहम्मद रफी, तलत अजीज, लता मंगेशकर, आशा भोसले, गुलाम अली और भूपेंद्र जैसे गायकों ने अपने स्वर दिए.
• बशर नवाज की रचनाएं देश और विदेश के विभिन्न उर्दू अखबार और पत्रिकाओं में गत 50 वर्षों में लगातार प्रकाशित होती रही.
• नवाज ने आधुनिक उर्दू शायरी में एक अलग ही मुकाम बनाया और वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहे गए.
• जामा मस्जिद में नमाज-ए-जनाजा के बाद औरंगाबाद के पंचकुआं कब्रिस्तान में उन्हें दफना दिया गया.
• बशर नवाज का जन्म औरंगाबाद में 19 अगस्त 1935 को हुआ था.
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