दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने 7 अक्टूबर 2015 को दिल्ली में प्रवेश करने वाले व्यावसायिक वाहनों पर पर्यावरण शुल्क लगाने का आदेश दिया है.
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली पीठ ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को सोनीपत के रास्ते दिल्ली में आने वाले भारी व्यावसायिक वाहनों से टोल टैक्स के अलावा पर्यावरण शुल्क वसूलने का निर्देश दिया.
दिल्ली में वायु प्रदूषण की बदतर स्थिति के बारे में वर्धमान कौशिक की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने कहा कि एमसीडी को दो एक्सल वाले वाहनों से 700 रुपए, चार एक्सल वाले वाहनों से 500 रुपए और तीन एक्सल वाले वाहनों से 1000 रुपए पर्यावरण शुल्क वसूलना चाहिए.
एमसीडी पर्यावरण शुल्क के तौर पर जमा की गई राशि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को देगा. इस राशि का प्रयोग राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए किया जाएगा.
इसके अतिरिक्त पीठ ने दिल्ली यातायात पुलिस, हरियाणा सरकार और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को गुड़गांव और गाजियाबाद के मार्ग से दिल्ली में प्रवेश करने वाले व्यावसायिक वाहनों के आंकड़े देने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी.
गौरतलब है कि, सीएसई ने सर्वेक्षण द्वारा कहा था कि दिल्ली के सभी 127 प्रवेश द्वारों से प्रतिदिन आने वाले ट्रकों की संख्या 52146 है जबकि एमसीडी के अनुसार यह संख्या 30373 है. दिल्ली में वाहनों से जो प्रदूषण होता है उसमें 30 प्रतिशत हिस्सा बाहर से आने वाले ट्रकों का है.
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