ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) और गैस उत्पादक कंपनी रोजनेफ्ट ने 25 मई 2014 को आर्कटिक के अपतटीय इलाके में संयुक्त रूप से हाइड्रोकार्बन की मौजूदगी का पता लगाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये. रोजनेफ्ट रूस की सबसे बड़ी तेल और गैस उत्पादक कंपनी है.
रोजनेफ्ट के प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष एगर सेचीन और ओवीएल के अध्यक्ष और तेल एवं प्राकृतिक गैस कॉर्पोरेशन के चेयरमैन और प्रबंध निदेक दिनेश कुमार सर्राफ ने इस समझौते पर सेंट पीट्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में हस्ताक्षर किए.
ओएनजीसी विदेश और रोजनेफ्ट पहले से ही सुदूर पूर्व में स्खालिन–I प्रोजेक्ट में भागीदार हैं. इस प्रोजेक्ट में ओवीएल की हिस्सेदारी 20 फीसदी है. रोजनेफ्ट का भी इस प्रोजेक्ट में इतने फीसदी की ही भागीदारी है और इसका संचालन एक्सॉन मोबिल करती है.
इस समझौते के बाद दोनों कंपनियों के लिए रूस के आर्कटिक अपतटीय इलाके में उपसतह सर्वेक्षण, अन्वेषण और मूल्यांकन गतिविधिय़ों एवं हाइड्रोकार्बन उत्पादन में सहयोग का रास्ता साफ हो गया है. दोनों पक्ष मिलकर एक संघ का गठन करने पर विचार करेंगें जिसका नेतृत्व रोजनेफ्ट करेगा और इसमें अन्य भागीदारों को भी शामिल किया जाएगा.
रोजनेफ्ट ने ओवीएल को बेरिंट सागर में नौ अपतटीय तेल एवं गैस ब्लॉक और काले सागर में एक ब्लॉक में हिस्सेदारी की पेशकश की थी.
बेरिंट सागर ने प्रस्तावित ब्लॉकों में से ओवीएल को पांच प्रस्ताव आकर्षक नहीं लगे. अन्य दो पर विचार जून 2014 तक रोजनेफ्ट द्वरा आंकड़े मुहैया कराए जाने के बाद किया जाएगा.
इससे पहले रोजनेफ्ट ने ओएनजीसी को पूर्वी रुस में ओखोट्सक के सागर के उत्तरी भाग में मगादन– 2 और मगादन– 3 एक्सप्लोरेशन ब्लॉक में हिस्सेदारी की पेशकश की थी जिसपर भारतीय कंपनी अभी विचार कर रही है.
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ओवीएल के अन्य तेल एवं गैस क्षेत्र
ओवीएल 16 देशों के 32 तेल एवं गैस परियोजनाओं में हिस्सेदारी रखता है जैसे वियतनाम (2 परियोजनाएं), रुस (2 परियोजनाएं), सूडान (2 परियोजनाएं),, दक्षिण सूडान (2 परियोजनाएं), ईरान (1 परियोजना), इराक (1 परियोजना), लिबिया (1 परियोजना),म्यांमार (2 परियोजनाएं), सीरिया (2 परियोजनाएं), क्यूबा (1 परियोजना), ब्राजील (2 परियोजना), नाइजीरिया (1 परियोजना), कोलंबिया (8 परियोजनाएं), वेनेजुएला (2 परियोजनाएं) कजाकिस्तान (1 परियोजना) और अजरबेजान (2 परियोजना).
वर्तमान में ओवीएल के पास तेल एवं प्राकृतिक गैस उत्पान की 11 परिसंपत्तियां हैं. इनके नाम हैं, रुस (स्खालिन– I और इंपीरियल एनर्जी), सीरिया ( अल– फुरत पेट्रोलियम कॉ.), वियतनाम (ब्लॉक 06.1), कोलंबिया (एमईसीएल), सूडान (ग्रेटर नील पेट्रोलियम ऑपरेटिंग कंपनी) , दक्षिण सूडान ( ग्रेटर पायोनीयर ऑपरेटिंग कंपनी और सूड्ड पेट्रोलियम ऑपरेटिंग कंपनी), वेनेजुएला ( सैन क्रिस्टोबल), ब्राजील (बीसी– 10) और अजरबेजान (एसीजी). इंपीरियल एनर्जी, रुस (100% पीआई) ओवीएल की एक उत्पादन परिसंपत्ति है जबकि जीएनपीओसी, सूडान; जीपीओसी और एसपीओसी, दक्षिण सूडान; एनईसीएल, कोलंबिया और सैन क्रिस्टोबल वेनेजुएला की पांच परिसंपत्तियां संयुक्त रूप से संचालित परिसंपत्तियां हैं.
हाइड्रोकार्बन पर पांच परिसंपत्तियों की खोज की गई है और 31 मार्च 2013 को ये विकास के विभिन्न स्तरों पर थे जैसे वेनेजुएला का पेट्रो काराबूबू, सीरिया का ब्लॉक 24, म्यांमार का ब्लॉक ए1 और ए3 और फरजाद बी ईरान, संचालित किए जा रहे है.
अन्वेषण के विभिन्न चरणों में 14 परिसंपत्तियां हैं जिनमें से 8 के रकबा का संचालन ओवीएल करती है, दो संयुक्त रूप से संचालित और बाकी के 4 गैर संचालित हैं.
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