कांग्रेस के नेता एवं पूर्व केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री वसंत साठे का दिल का दौरा पड़ने से हरियाणा के गुड़गांव स्थित उनके आवास पर 23 सितंबर 2011 को निधन हो गया. वह 86 वर्ष के थे. वसंत साठे वर्ष 1972-77 में प्रथम बार अकोला (महाराष्ट्र) से तथा वर्ष 1980-91 में वर्धा (महाराष्ट्र) से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे. वह वर्ष 1982 में इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री थे. इन्हीं के कार्यकाल में भारत में एशियन गेम्स का आयोजन किया गया था. वह वर्ष 1996 के आम चुनाव में हार गए थे.
वसंत साठे ने अपनी आत्मकथा मेमोरीज ऑफ ए रैशानालिस्ट का वर्ष 2005 में विमोचन किया था. इसके अलावा उन्होंने टुवर्डस सोशल रिवोल्यूशन:ए काज फॉर इकोनॉमिक डेमोक्रेसी, रिस्ट्रक्चरिंग ऑफ पब्लिक सेक्टर इन इंडिया, नेशनल गवर्नमेंट: एजेंडा फॉर न्यू इंडिया नामक पुस्तकें लिखीं.
वसंत साठे भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद के अध्यक्ष (1993) थे. वह नेहरू-गांधी परिवार के नजदीकी थे. उन्होंने ही वर्ष 1982 में रंगीन टीवी को भारत में लाया था. उन्होंने कांग्रेस में रहने के बावजूद पृथक विदर्भ की मांग के आंदोलन का समर्थन किया था.
वसंत साठे का जन्म महाराष्ट्र के नासिक में 5 मार्च 1925 में हुआ था. उनकी पत्नी जयश्री का पहले ही निधन हो गया था. उनके परिवार में एक बेटा व दो बेटियां हैं.
वसंत साठे की अंतिम इच्छा थी कि उनके पार्थिव शरीर को दान कर दिया जाए. इस लिए उनके परिवार के लोगों ने एम्स के शरीर रचना विज्ञान विभाग को उनका पार्थिव शरीर सौंप दिया. साठे के पार्थिव शरीर को इस विभाग के शव संलेपन सुविधा केंद्र में रखा गया है. साठे के शरीर को एक वर्ष तक केमिकल्स के साथ रखा जाएगा. इसके बाद ही उनके शरीर को छात्रों को रिसर्च के लिए दिया जाएगा.
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