यूक्रेन की संसद ने 12 नवंबर 2015 को समलैंगिकों के खिलाफ भेदभाव सहित कार्यस्थल पर भेदभाव के सभी रूपों पर रोक लगाने के लिए देश के श्रम संहिता में संशोधन को मंजूरी दे दी.
450 सदस्यीय संसद में यौन अल्पसंख्यकों विरोधी भेदभाव विधेयक के रूप में श्रम संहिता में संशोधन के प्रस्ताव को न्यूनतम मत 226 के मुकाबले 234 मतों से पारित किया गया.
इस बिल के जरिये उम्र, स्वास्थ्य, जाति, राजनीतिक झुकाव, धर्म, परिवार और संपत्ति, सामाजिक और विदेशी मूल, लिंग पहचान और यौन अभिविन्यास के आधार पर कार्यस्थल पर किये जाने वाले किसी भी प्रकार के भेदभाव पर रोक लगाई गयी है.
यूक्रेनी राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंकें ने संसद की इस ऐतिहासिक कार्रवाई का स्वागत किया. इसके माध्यम से यूक्रेन के यूरोपीय संघ (ईयू) के वीजा मुक्त व्यवस्था या शेंगेन क्षेत्र में शामिल होने के लिए मार्ग प्रशस्त होगा.
इससे पूर्व कार्यस्थल पर समलैंगिकों के साथ भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने के लिए चार बार लाये गए इस बिल को खारिज कर दिया गया था. इस बिल को देश के रूढ़िवादी ईसाई परंपराओं के लिए एक चुनौती के रूप में संसद में कुछ लोगों द्वारा लाया गया था.
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