केंद्र सरकार द्वारा दस लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय पर एलपीजी सब्सिडी नहीं देने का निर्णय

Dec 30, 2015, 17:10 IST

एलपीजी सब्सिडी पर नियंत्रण करने के लिए राजग सरकार की ओर से उठाया गया यह तीसरा कदम है. इससे पहले सरकार ने एलपीजी सब्सिडी को सीधे बैंक खाते में देने का फैसला किया था एवं उसके बाद जनता से स्वैच्छिक तौर पर एलपीजी सब्सिडी लौटाने का कार्यक्रम चलाया गया

केंद्र सरकार ने 28 दिसंबर 2015 को दस लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय वर्ग वाले लोगों को एलपीजी सब्सिडी नहीं देने का निर्णय लिया.

वर्तमान में देश में प्रत्येक परिवार को एक वर्ष में सब्सिडी वाले 12 एलपीजी सिलेंडर मिलते हैं जिसमें प्रति सिलेंडर लगभग 200 रुपये की सब्सिडी दी जाती है.

एलपीजी सब्सिडी पर नियंत्रण करने के लिए राजग सरकार की ओर से उठाया गया यह तीसरा कदम है. इससे पहले सरकार ने एलपीजी सब्सिडी को सीधे बैंक खाते में देने का फैसला किया था एवं उसके बाद जनता से स्वैच्छिक तौर पर एलपीजी सब्सिडी लौटाने का कार्यक्रम चलाया गया.

'गिव अप' सब्सिडी योजना के तहत अभी तक 57.5 लाख लोगों ने सब्सिडी पर रसोई गैस लेने से मना किया. पिछले वर्ष सरकार ने एलपीजी सब्सिडी के मद में 40,551 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.


एलपीजी सब्सिडी समाप्ति का आदेश

•    चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में एलपीजी सब्सिडी के तौर पर सरकार ने सिर्फ 8,814 करोड़ रुपये का भुगतान किया है.
•    आयकर अधिनियम 1961 के अनुसार किसी व्यक्ति या उसके पति या पत्नी की कर योग्य आय 10 लाख रुपये से अधिक होगी तो उसे कोई एलपीजी सब्सिडी नहीं दी जाएगी. इसके लिए जनवरी 2016 से ग्राहकों को स्वयं एक घोषणा पत्र देना होगा.
•    वर्ष 2008-09 में तत्कालीन सरकार ने पांच लाख रुपये से अधिक की आय वाले ग्राहकों को एलपीजी सब्सिडी देने से रोकने को लेकर एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था. बाद में सरकार ने वर्ष 2011 में एक वर्ष में दिए जाने वाले सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की संख्या घटा कर छह कर दी थी. पिछले चुनाव से ठीक पहले इसे बढ़ाकर 12 कर दिया गया जो अभी तक जारी है.

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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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