संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 25 मार्च 2015 को वर्ष 2014 के वेब रत्न पुरस्कार के विजेताओं को सम्मानित किया. यह तीसरा वेब रत्न पुरस्कार था. ये पुरस्कार नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित एक समारोह प्रदान किए गए.
पुरस्कार और पुरस्कार विजेताओं की सूची
नागरिक केंद्रित सेवा श्रेणी:
- प्लेटिनम पुरस्कार: पासपोर्ट सेवा परियोजना
- स्वर्ण पुरस्कार: राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त विकास निगम
- रजत पुरस्कार: राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस)
ओपन डाटा चैंपियन श्रेणी:
- प्लेटिनम पुरस्कार: रजिस्ट्रार जनरल तथा जनगणना आयुक्त कार्यालय
- स्वर्ण पुरस्कार: योजना आयोग तथा सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय
- रजत पुरस्कार: जल संसाधन मंत्रालय
टेक्नोलॉजी के नवाचारी उपयोग श्रेणी:
- प्लेटिनम पुरस्कार: किसान केन्द्रित सेवाओं के लिए एम किसान –गवर्नमेंट ऑफ इंडिया पोर्टल
- स्वर्ण पुरस्कार: वाणिज्य कर विभाग, मध्य प्रदेश तथा वाणिज्य कर विभाग, तमिलनाडु
- रजत पुरस्कार: महाराष्ट्र सरकार की ऑनलाइन सहकारी सोसाइटी प्रक्रिया प्रबंधन प्रणाली ई-सहकार
उत्कृष्ट कंटेंट श्रेणी:
प्लेटिनम पुरस्कार: विदेश मंत्रालय
स्वर्ण पुरस्कार: जनजातीय मामले मंत्रालय, केरल पर्यटन
रजत पुरस्कार: पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय
व्यापक वेब उपस्थिति श्रेणी:
- प्लेटिनम पुरस्कार: सूचना और प्रसारण मंत्रालय
- स्वर्ण पुरस्कार: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
- रजत पुरस्कार: लेखा महानियंत्रक
व्यापक वेब उपस्थिति राज्य श्रेणी:
- प्लेटिनम पुरस्कार: महाराष्ट्र
- स्वर्ण पुरस्कार: तमिलनाडु
- रजत पुरस्कार: उत्तराखंड
वेब रत्न पुरस्कार
संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने वेब रत्न पुरस्कारों की स्थापना की. इसके तहत ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की ओर से की गई पहलों और चलनों की पहचान की जाती है. वेब रत्न पुरस्कार के जरिए ई-गवर्नेंस के प्रयासों की पहचान की जाती है. ऐसे व्यक्तिगत और संस्थागत प्रयासों को पुरस्कृत और स्वीकृत करने के लिए ही वेब रत्न पुरस्कार शुरू किए गए. इससे सरकार को बेहतर गवर्नेंस की दिशा में मदद मिली. वेब रत्न पुरस्कारों की स्थापना वर्ष 2009 में हुई थी.
पहले और दूसरे वेब रत्न पुरस्कार वर्ष 2009 और 2012 में प्रदान किए गए.
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