केंद्र सरकार ने 2 सितंबर 2014 को पांच पर्यावरण कानूनों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया. कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रमण्यम चार सदस्यों की समिति के अध्यक्ष होंगे.
समिति के सदस्यों में पूर्व पर्यावरण मंत्रालय के सचिव विश्वनाथ आनंद, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एके श्रीवास्तव और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता केएन भट्ट होंगे.
पर्यावरण मंत्रालय ने समिति को दो महीने के भीतर पर्यावरण कानूनों के बारे में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा.
समिति की स्थापना के पीछे कारण
- इसका उद्देश्य संशोधन के माध्यम से पर्यावरण मुद्दों से समझौता किए बिना आर्थिक विकास दर हासिल करने के लिए पर्यावरण कानूनों को वर्तमान आवश्यकताओं के स्तर पर लाने की है.
- यह पैनल वर्ष 1971 और वर्ष 1986 के बीच अधिनियमित 5 महत्वपूर्ण पर्यावरण कानूनों की समीक्षा करेंगे- पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986, वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980, वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972, जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1974, एयर (रोकथाम और प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम, 1981.
- संदर्भ की शर्तों के अनुसार, समिति उद्देश्यों के संबंध में अधिनियमों में से प्रत्येक के क्रियान्वयन की स्थिति का मूल्यांकन करेगी.
- इन अधिनियमों से संबंधित विभिन्न अदालत के आदेश और न्यायिक घोषणाओं की जाँच और ध्यान रखेंगे.
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