केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की दो दिवसीय शिकागो (अमेरिका) यात्रा संपन्न हुई. प्रणब मुखर्जी ने 28 व 29 जनवरी 2012 को वैश्विक मामलों पर शिकागो की परिषद में हिस्सा लिया और भारत का प्रतिनिधित्व किया.
वैश्विक मामलों पर शिकागो की परिषद में विश्व के लगभग 500 व्यवसायियों-अग्रणी कम्पनियों के प्रतिनिधियों (फॉर्चून की 500 कंपनियों के प्रतिनिधियों) और विभिन्न देशों के मंत्रियों ने भी भागीदारी दी. केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने वैश्विक मामलों पर शिकागो की परिषद में हिस्सा लेने के अलावा शिकागो के कला संस्थान में स्वामी विवेकानंद के स्मारक का अनावरण किया. साथ ही भारत सरकार और शिकागो के कला संस्थान में रवीन्द्रनाथ टैगोर की चित्रकला प्रदशर्नी का उद्घाटन भी किया.
प्रणब मुखर्जी ने फॉर्चून की 500 कंपनियों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए निवेशकों से निरंतर दीर्घकालिक ब्याज दर के साथ विनियमित संस्थाओं के माध्यम से भारतीय बाजार में निवेश करने पर बल दिया. निवेशकों में आश्वासन पैदा करने हेतु उन्होंने बताया कि भारत ने विद्युत, टेलीकॉम, बंदरगाह, एयरपोर्ट, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जैसे क्षेत्र में पारदर्शी और स्थायी नियामक प्राधिकरण व्यवस्था विकसित कर ली है.
केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शिकागो विश्वविद्यालय में 15 लाख अमेरिकी डॉलर के खर्च से विवेकानंद केंद्र की शुरुआत भी की. यहां भारतीय विषयों की पढ़ाई कराई जानी है. विवेकानंद मेमोरियल प्रोग्राम फॉर म्यूजियम एक्सीलेंस को संचालित करने के लिए भारत सरकार द्वारा पांच लाख डॉलर आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो को दिया गया. इसमें संस्थान और भारत के प्रमुख संग्रहालयों के बीच विचारों को पेशेवर स्तर पर साझा किए जाने की योजना है. ज्ञातव्य हो कि अमेरिका के शिकागो में 11 सितम्बर, 1893 को स्वामी विवेकानंद ने विश्व धर्म संसद के समक्ष स्मरणीय सम्बोधन किया था.
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