केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने 15 नवंबर 2015 को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एफॉर्डेबल मेडिसीन्स एंड रिलाएबल इम्प्लांट्स फॉर ट्रीटमेंट (अमृत) फार्मेसी आउटलेट का शुभारंभ किया.
विशेषताएं
- इस आउटलेट का उद्देश्य कैंसर और दिल की बीमारियों के इलाज पर रोगियों द्वारा किए गए व्यय को 50 से 60 प्रतिशत कम करना है.
- यह एक खुदरा फार्मेसी आउटलेट है, जो हृदय और कैंसर की दवाओं को अत्यधिक रियायती दरों पर बेचेगी.
- इस फार्मेसी में 202 कैंसर की दवाइयां, 186 हृदय रोग की दवाइयां और 148 कार्डियेक इम्प्लांट का वितरण किया जाएगा.
- इस फार्मेसी का संचालन सरकार के स्वामित्व वाली एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड (एचएलएल) के द्वारा किया जाएगा.
- एम्स के आउटलेट के नतीजे के आधार पर यह पहल केंद्र सरकार के अन्य अस्पतालों और क्षेत्रीय कैंसर निदान केंद्रों में भी की जाएगी.
अमृत का महत्व
अमृत पहल को भारत में कैसंर रोगियों के तेजी से बढ़ रहे आँकड़ों के बीच शुरू किया गया. आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर वर्ष 1 लाख लोगों के कैंसर पीड़ित होने का पता चलता है.
एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, 2.8 मिलियन लोगों को कभी भी कैंसर हो सकता है और 5 लाख लोग हर वर्ष इस रोग से मरते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार भारत में सालाना 1,45 000 महिलाओं में स्तन कैंसर होने का पता चलता है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation