कॉपीराइट संशोधन विधेयक 2010 (प्रतिलिप्याधिकार संशोधन विधेयक) राज्य सभा में पारित हुआ. मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने 17 मई 2012 को प्रतिलिप्याधिकार संशोधन विधेयक राज्य सभा में पेश किया. प्रतिलिप्याधिकार संशोधन विधेयक 2010 में वर्ष 1957 में मूल रूप से पारित किये गए प्रतिलिप्याधिकार विधेयक को अंतर्राष्ट्रीय मानकों और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन के प्रावधानों के अनुरूप बनाने की व्यवस्था है.
कॉपीराइट संशोधन विधेयक 2010 (प्रतिलिप्याधिकार संशोधन विधेयक) के तहत रचनाधर्मियों व कलाकारों को उनकी मेहनत की रॉयल्टी मिलनी है, जिससे सांस्कृतिक व सृजनात्मक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. विधेयक में प्रावधान है कि गीतकारों, गायकों, संगीतकारों और फिल्म निर्देशकों को उनकी रचनाओं के टेलीविजन पर प्रसारण के दौरान रायल्टी मिलेगी. कापीराइट का विस्तार इंटरनेट जैसे आधुनिक संचार माध्यमों पर भी किया गया है. कॉपीराइट संशोधन विधेयक 2010 में पायरेसी के खिलाफ प्रावधान सहित कापीराइट की सुरक्षा के लिए विभिन्न प्रयास भी किए गए हैं. विधेयक के तहत पायरेसी के मामले में दंड का प्रावधान भी किया गया है. कापीराइट मालिक के निधन के मामले में उनके कानूनी उत्तराधिकारी को रायल्टी मिलेगी. फिल्मों के मामले में निर्देशक को कापीराइट के दायरे में नहीं रखा गया है.
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