प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में 10 फरवरी 2011 को हुई कैबिनेट की बैठक में वित्त मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित टंकण विधेयक (Coinage Bill) 2009 में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई. संशोधित टंकण विधेयक में सिक्का गलाने की सजा 5 से बढ़ाकर 7 वर्ष कर दी गई है.
ज्ञातव्य हो कि टंकण विधेयक 2009 के परीक्षण हेतु संसद की स्थायी समिति ने अगस्त 2010 में एक रिपोर्ट सौंपी थी. रिपोर्ट में टंकण विधेयक 2009 में संशोधन करने की काफी संस्तुतियां थी. सिक्कों को गलाने या उन्हें तहस-नहस करने पर दी जाने वाली सज़ा की मात्रा, सिक्का शब्द को विस्तारित कर एक रूपये के नोट को उसमें शामिल करना और मुद्रा अध्यादेश 1940 को निरस्त करना प्रमुख संस्तुतियां थीं.
महत्वपूर्ण तथ्य
जुलाई 2009 में मौजूदा चार अधिनियमों – (1) भारतीय सिक्का अधिनियम, 1906 (2) छोटा सिक्का (अपराध) अधिनियम, 1971 (3) धातु टोकन अधिनियम, 1889 और (4) कांस्य सिक्का कानूनी निविदा अधिनियम, 1918 को मिलाने के लिए संसद में टंकण विधेयक 2009 प्रस्तुत करने को मंजूरी दी गई थी. दिसंबर 2009 को इस विधेयक को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया था और इसके परीक्षण के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेजा गया था. समिति ने लोकसभा को अगस्त 2010 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation