तुर्की ने 14 अप्रैल 2015 को भूमध्य सागर के तट पर मर्सिन प्रान्त के आककूयू में देश के पहले परमाणु बिजली संयंत्र का निर्माण शुरू कर दिया. इस संयंत्र का निर्माण रूस की परमाणु एजेंसी रोसएटम की एक सहायक कंपनी आककूयू परियोजना कंपनी द्वारा किया जाएगा.
इस संयंत्र का निर्माण रशिया और तुर्की के 2010 के समझौते तहत किया जा रहा है जिसमे आककूयू में 20 बिलयन डॉलर से परमाणु बिजली संयंत्र का निर्माण करना तय किया गया था.
आककूयू परियोजना कंपनी इस संयंत्र का निर्माण और संचालन करेगी. इस संयंत्र में 1200 मेगावाट के चार रिएक्टर होंगे.
इस स्थान का चुनाव तुर्की द्वारा यहाँ के कम जनसंख्या घनत्व और भूकंप से सुरक्षित क्षेत्र होने के करण किया गया.
तुर्की की योजना के तहत बनाए जाने वाले परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में यह पहला संयंत्र है.
दूसरे परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निर्माण तुर्की के सिनोप शहर के काला सागर तट पर किया जाना तय है.
जबकि तीसरे संयंत्र के लिए स्थान का चुनाव अब तक नहीं किया गया.
इन परमाणु संयंत्रों के साथ तुर्की सरकार का ऊर्जा आत्मनिर्भरता लाने और रूस और ईरान जैसे देशों पर निर्भरता को कम करने का लक्ष्य है.
इस निर्माण का विरोध भारी स्तर पर तुर्की के नागरिकों द्वारा किया जा रहा है. लोगों का अनुमान है की इस निर्माण से पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और यदि फुकुशीमा परमाणु संयंत्र की तरह कोई घटना घटती है तो भारी जान माल की हानि होगी.

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