नवीनतम नमूना पंजीकरण प्रणाली बुलेटिन के अनुसार राष्ट्रीय नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी

Feb 3, 2012, 14:20 IST

India Current Affairs 2012. भारत के महापंजीयक द्वारा दिसंबर 2011 में जारी नवीनतम नमूना पंजीकरण प्रणाली बुलेटिन के अनुसार राष्ट्रीय नवजात शिशु मृत्यु  दर...

भारत के महापंजीयक द्वारा दिसंबर 2011 में जारी नवीनतम नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) बुलेटिन के अनुसार राष्ट्रीय नवजात शिशु मृत्यु  दर 3 अंक गिरकर 47 पर आ गई. वर्ष 2010 में राष्ट्रीय नवजात शिशु मृत्यु दर 50 थी (एक हजार नवजात शिशुओं में से 50 की मृत्यु). ग्रामीण इलाकों में राष्ट्रीय नवजात शिशु मृत्यु दर 4 अंक गिरकर प्रति 1000 जन्म पर 55 से 51 पर जबकि शहरों में यह दर 34 से गिरकर 31 पर आ गई.

गोवा में नवजात शिशु मृत्यु दर सबसे कम 10 और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 62 है. गोवा के बाद केरल का दूसरा स्थान है जहां प्रति 1000 शिशुओं की मृत्यु दर 13 है (जनवरी 2011 में यह संख्या 12 थी). केरल में शहरों में शिशु मृत्यु दर 11 से कम हो कर 10 पर आ गई. शहरी इलाकों में छत्तीसगढ़ और यूपी में सबसे ज्यादा शिशु मृत्यु दर रिकॉर्ड की गई .

नवजात शिशु मृत्यु दर 1000 के पीछे मध्य प्रदेश में 62, उत्तर प्रदेश और ओडीशा में 61, असम में (58), राजस्थान में (55), मेघालय में (55), छत्तीसगढ़ में (51), बिहार में (48), हरियाणा में (48) है, जो राष्ट्रीय औसत 47 से अधिक है.

भारत के महापंजीयक द्वारा दिसंबर 2011 में जारी नवीनतम नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) के आंकड़ों के अनुसार शिशु मृत्यु दर गोवा में सबसे कम 10 और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 62 है जबकि राष्ट्रीय शिशु मृत्यु दर 47 है.

विदित हो कि नमूना पंजीकरण प्रणाली बड़े पैमाने पर होने वाला जनसंख्या सर्वेक्षण है जो राष्ट्रीय स्तर पर जन्मदर, मृत्यु दर और अन्य प्रजनन तथा मृत्यु संबंधी संकेतकों के विश्वनीय वार्षिक अनुमान प्रदान करता है. जमीनी जांच में चुनी हुई इकाइयों में पार्ट टाइम गणनाकारों आमतौर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं अध्यापकों द्वारा चुनी हुई नमूना इकाइयों में जन्म और मृत्यु की लगातार गिनती की जाती है और एसआरएस के सुपरवाइजर हर छह महीने में स्वतंत्र सर्वेक्षण करते हैं. इन दो स्वतंत्र अधिकारियों द्वारा प्राप्त आंकड़ों को मिलाया जाता है. बेमेल और आंशिक रूप से मेल खाने की स्थिति में इनकी दोबारा पुष्टि की जाती है और इसके बाद जन्म‍ और मृत्यु की गणना की जाती है.

ग्रामीण इलाकों में नमूना इकाई एक गांव या उसका एक खंड है, अगर गांव की आबादी 2000 या अधिक है. शहरी इलाकों में नमूना इकाई जनसंख्या गणना खंड है जहां आबादी 750 से 1000 के बीच है. इस समय एसआरएस 7597 नमूना इकाइयों (4433 ग्रामीण और 3164 शहरी) में काम कर रहा है, जो सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं तथा 1.5 मिलियन घरों और 7.27 मिलियन जनसंख्या को कवर करते हैं.

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