तालिबान के खिलाफ देश के संघर्ष का प्रतीक बन गई पाकिस्तान किशोरी मलाला यूसुफजई को उसकी बहादुरी और स्वात की प्रतिकूल परिस्थितियों में महिलाओं की शिक्षा के लिए आवाज उठाने हेतु वर्ल्ड पीस एंड प्रॉस्पेरिटी फाउंडेशन के वीरता पुरस्कार से 19 नवंबर 2012 को सम्मानित किया गया.
यह पुरस्कार हाउस ऑफ लार्ड्स के चोलमंडले रूम में वर्ल्ड पीस एंड प्रॉस्पेरिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रिंस अली खान ने प्रदान किया. मलाला यूसुफजई की ओर से यह पुरस्कार ब्रिटेन में पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त एस जुल्फिकार गरदेजी ने ग्रहण किया.
9 अक्टूबर 2012 को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में तालिबान के आतंकियों ने मलाला यूसुफजई के सिर में गोली मार दी थी. उसका इलाज पहले रावलपिंडी के सैन्य अस्पताल में चल रहा था. बाद में बेहतर इलाज के लिए उसे ब्रिटेन भेज दिया गया. वर्तमान में मलाला यूसुफजई इलाज बर्मिघम के क्वीन एलिजाबेथ हॉस्पिटल में चल रहा है.
वीरता पुरस्कार से सम्मानित होने वाले अन्य लोगों में एक प्रख्यात ब्रिटिश मुस्लिम मनोविज्ञानी, तुर्की के एक प्रख्यात शिक्षाविद तथा सांसद, और एक 8 वर्ष का बच्चा जोश अल्तमान आदि हैं.
वर्ल्ड पीस एंड प्रॉस्पेरिटी फाउंडेशन का उद्देश्य विश्व शांति एवं समृद्धि को आगे बढ़ाने है. वर्ल्ड पीस एंड प्रॉस्पेरिटी फाउंडेशन जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य हेतु वीरता पुरस्कार प्रदान करती है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation