पूर्व लोकसभा अध्यक्ष व वर्ष 2012 के राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्याशी पीए संगमा (पूर्णो अगातो संगमा, Purno Agitok Sangma) ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) का गठन 5 जनवरी 2013 को किया. नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) बनाने के साथ ही वह राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक गंठबंधन (एनडीए) में शामिल हो गए. एनपीपी देश के आदिवासी बहुल राज्यों-आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, राजस्थान, गुजरात के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों पर विशेष ध्यान देगी. पीए संगमा ने एनपीपी का चुनाव चिह्न किताब रखने का निर्णय लिया है.
पीए संगमा वर्ष 1996-98 तक लोक सभा के अध्यक्ष थे. वह आठ बार (6वीं, 7वीं, 8वीं, 10वीं, 11वीं, 12वीं, 13वीं, 14वीं) तुरा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस पार्टी में शामिल होकर की. वह वर्ष 1974 में मेघालय के प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव बने. वह 6वीं लोकसभा के लिए वर्ष 1977 में हुए आम चुनाव में तुरा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुए. वर्ष 1988 में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में मेघालय राज्य के मुख्यमंत्री बने. लोकसभा के इतिहास में वह विरोधी दल से लोकसभा अध्यक्ष बनने वाले पहले सांसद थे.
वर्ष 2012 के राष्ट्रपति चुनाव में पीए संगमा को समर्थन देने के कारण उनकी पुत्री अगाथा संगमा को मंत्री पद से हटा दिया गया था. अगाथा संगमा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से तुरा संसदीय क्षेत्र से सांसद है.
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