इंटरनेशनल फुटबॉल फेडरेशन एसोसिएशन (फीफा) ने स्पेनिश क्लब एफसी बार्सिलोना पर 2 अप्रैल, 2014 को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तर पर खिलाड़ियों के स्थानांतरण पर प्रतिबंध लगाया. इस प्रतिबंध से बार्सिलोना अगली दो स्थानांतरण अवधि (जून 2014 और जनवरी 2015) तक नए खिलाड़ियों के साथ करार नहीं कर सकेगा. यह प्रतिबंध अगले एक साल तक रहेगा. इस प्रतिबंध के अलावा फीफा ने एफसी बार्सिलोना और रियल मैड्रिड पर वित्तीय जुर्माना भी लगाया.
2013 में फीफा ने एक जांच की थी जिसमें बार्सिलोना और रियल मैड्रिड दोनों को अवैध लेनदेन करने का दोषी पाया था. जांच में पता चला कि दोनों ने 2009 से 2013 के बीच गैर स्पेनिश नाबालिग खिलाड़ियों के अंतर्राष्ट्रीय स्थानांतरण एवं पहली बार पंजीकरण कराने से संबंधित कानूनों का उल्लंघन किया था.
रियल पर फीफा के नियमों के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था और कम उम्र खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय हस्तांतरण से संबंधित मौजूदा प्रणाली और उनके नियामक ढांचे को नियमित करने के लिए एक वर्ष दिया गया.
अनुच्छेद 19 के अनुसार, खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय स्थानान्तरण की केवल तब अनुमति दी जाती है अगर खिलाड़ी की आयु 18 वर्ष से अधिक है. अनुशासन समिति ने रेखांकित किया कि फीफा फुटबॉल में नाबालिगों की सुरक्षा को बहुत गंभीरता से लेता है. 2001 में फीफा, यूऐफा और यूरोपीय आयोग के बीच संपन्न समझौते के प्रमुख सिद्धांतों में नाबालिगों की सुरक्षा को शामिल किया गया.
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