भारत और ब्रिटेन ने 8 जुलाई 2014 को नागरिक परमाणु सहयोग के लिए वार्ता शुरू करने का फैसला किया. यह निर्णय ब्रिटेन के विदेश सचिव विलियम हेग की भारत यात्रा के दौरान लिया गया. विलियम 7 व 8 जुलाई 2014 को भारत की यात्रा पर थे.
केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और ब्रिटेन के विदेश सचिव विलियम हेग ने आपसी हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों से संबंधित मुद्दों की विविधता पर विचार विमर्श किया था.
बातचीत बहुत ही व्यापक रही जिसमें असैनिक परमाणु सहयोग, प्रत्यर्पण, आतंकवाद का मुकाबला, साइबर मुद्दे और इराक़, आफगानिस्तान के सुरक्षा हालत जैसे मुद्दों पर खुलकर बातचीत हुई. बातचीत मे मुख्य मुद्दा दोनो देश के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करना है.
वर्तमान में, ब्रिटेन और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 15 बिलियन यूएस डालर का है.
भारत ने एक अंतरराष्ट्रीय पीडोफाइल रिंग का हिस्सा होने और गोवा में बच्चों के शोषण के आरोपी ब्रिटिश नागरिक रेमंड वर्ली के प्रत्यर्पण की मांग की. इसके अलावा भारत ने भी अपनी बंगलौर मुंबई आर्थिक कॉरिडोर बुनियादी ढांचा परियोजना में निवेश करने के लिए ब्रिटिश कंपनियों को आमंत्रित किया है.
ब्रिटिश भले ही अपने मीडियम मल्टी-रोल कॉंबॅट एयरक्राफ़्ट (एमएमआरसीए) को भारत में बेचने में कामयाब रहा हो पर उसका यूरोफाइटर टाइफून फ्रांस के राफेल के सामने अब भी फीका ही साबित हो रहा है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation