राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने फलस्तीन यात्रा के दौरान 13 अक्टूबर 2015 को फलस्तीन में करीब एक करोड़ 80 लाख अमरीकी डॉलर की परियोजनाएं शुरू करने की घोषणा की है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने फलस्तीन की पहली यात्रा में रामल्ला में टेक्नोलोजी पार्क बनाए जाने समेत पांच परियोजनाएं लगाने का वायदा किया. इसके अलावा फलस्तीन को 50 लाख अमरीकी डॉलर का अनुदान भी दी जाने की घोषणा की. संस्कृतिक क्षेत्र में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं. फलस्तीन के विद्यार्थियों के लिए सीटें दोगुना कर दी गई हैं और हर साल मिलने वाली छात्रवृत्ति 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दी गई है. मुखर्जी
ने फलस्तीन मुद्दे को पूर्ण समर्थन देने और पूर्वी येरूशलम में राजधानी के साथ इसे संप्रभु,स्वतंत्र, व्यवहारिक और युनाइटेड स्टेट ऑफ फलस्तीन बनाए जाने के प्रति समर्थन की भी घोषणा की. इससे फलस्तीन व्यवहारिक देश बन सकेगा. भारत और फलस्तीन ने अंतर्राष्ट्रीय सहमति प्राप्त सिद्धांतों के आधार पर इस्राइल और फलस्तीन के मुद्दे के बातची त और शांतिपूर्ण समाधान पर बल दिया है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रामल्ला पहुंचने पर कहा कि भारत और फलस्तीन के बीच संबंध काफी महत्वपूर्ण हैं. क्वारटेट रोडमैप और प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत फिलिस्तिनियों को इस्राइल के साथ शांति तरीके से सुरक्षित एवं मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर रहते हुए देखना चाहता है. मुखर्जी ने फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास को भारत आने के लिए आमंत्रित भी किया.
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