दर्जन शब्द हम सभी ने सुना है और रोज़मर्रा की ज़िंदगी में इस्तेमाल भी करते हैं, चाहे वह अंडे खरीदना हो, फल लेना हो या मिठाई गिननी हो। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर दर्जन का मतलब हमेशा 12 ही क्यों होता है? इसका जवाब सिर्फ भाषा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे इतिहास, गणित और प्राचीन सभ्यताओं की सोच छिपी हुई है।
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शब्द की जड़ें और इतिहास
‘दर्जन’ शब्द अंग्रेज़ी के dozen से आया है, जो पुरानी फ़्रेंच भाषा के douzaine से निकला है। इसका मूल स्रोत लैटिन का duodecim है, जिसका सीधा अर्थ होता है-बारह। यह शब्द 1300 ईस्वी के आसपास अंग्रेज़ी में आया और तभी से 12 की गिनती के लिए स्थायी रूप से इस्तेमाल होने लगा।
12 की व्यावहारिक उपयोगिता
संख्या 12 को बहुत उपयोगी माना जाता है क्योंकि यह 2, 3, 4 और 6 से बराबर-बराबर बँट सकती है। यही वजह थी कि प्राचीन समय में व्यापारी और परिवार समान हिस्सों में सामान बाँटने के लिए 12 का उपयोग करते थे। इसके मुकाबले 10 केवल 2 और 5 से ही पूरी तरह विभाजित हो सकता है।
गणित में 12 का महत्व
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मेसोपोटामिया समेत कई प्राचीन सभ्यताओं में द्वादशाधारी प्रणाली (Dodecahedral System) (Base-12) का प्रयोग होता था।
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साल में 12 महीने, 12 चंद्र चक्र, दिन-रात के 12-12 घंटे, ये सब दर्शाते हैं कि प्रकृति और संस्कृति में 12 कितना गहराई से जुड़ा है।
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आज भी केले, अंडे, मिठाइयाँ और घरेलू चीज़ें अक्सर 12 के पैक में मिलती हैं क्योंकि इससे गिनती और बाँटने में आसानी होती है।
दर्जन से आगे की गणना
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ग्रॉस (Gross) = 12 दर्जन = 144
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ग्रेट ग्रॉस (Great Gross) = 12 ग्रॉस = 1,728
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बेकरी दर्जन (Baker’s Dozen) = 13 (मध्यकालीन इंग्लैंड के बेकर्स का नियम था कि ग्राहकों को धोखा न लगे, इसलिए 12 की जगह 13 देना शुरू किया गया)।
आखिर 12 ही क्यों, 10 क्यों नहीं?
दस का आधार आज भले ही ज़्यादा प्रचलित है, लेकिन यह केवल 2 और 5 से ही पूरी तरह विभाजित होता है। जबकि 12 आसानी से 2, 3, 4 और 6 में बँट जाता है। यही वजह थी कि प्राचीन समाजों ने न्यायसंगत बाँट-जोख के लिए 12 को प्राथमिकता दी।
दर्जन का अर्थ 12 होना केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि यह भाषा, गणित, इतिहास और संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि हजारों साल बाद भी “दर्जन” हमेशा बारह का ही पर्याय बना हुआ है।
यह भी है एक कारण
एक दर्जन में 12 चीज़ें मिलने की सबसे बड़ी वजह Duodecimal System of Counting मानी जाती है। पुराने समय में लोग गिनती करने के लिए अपने शरीर के हिस्सों का सहारा लेते थे। खासतौर पर हाथों की उंगलियाँ गिनने के काम आती थीं। अगर आप ध्यान से देखें तो हर उंगली में 3-3 जोड़ (joints) होते हैं, अंगूठे को छोड़कर। यानी कुल मिलाकर एक हाथ की चार उंगलियों में 12 जोड़ बनते हैं। यही आगे चलकर दर्जन (Dozen) कहलाया।
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