भारत, भूटान, बांग्लादेश और नेपाल ने बीबीआईएन (बांग्लादेश, भूटान, इंडिया व नेपाल) मोटर वाहन समझौते पर भूटान की राजधानी थिंपू में 15 जून 2015 को हस्ताक्षर किए. इस समझौते पर भारत के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सहित चारों देशों के परिवहन मंत्रियों ने हस्ताक्षर किए. इस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया.
समझौते के मुख्य बिंदु
• इसका क्षेत्रीय मोटर वाहन समझौते का उद्देश्य चार सार्क सदस्य देशों के बीच यात्री, व्यक्तिगत और माल वाहनों के यातायात को विनियमन करना है.
• कुछ संशोधनों को छोड़ कर यह समझौता दक्षेस मोटर वाहन समझौते के समान है.
• बीबीआईएन मोटर वाहन समझौते पर हस्ताक्षर होने से सार्क देशों-भारत, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल के बीच सुरक्षित, किफायती, कुशल और पर्यावरण अनुकूल सड़क परिवहन को बढ़ावा मिलेगा.
• प्रत्येक देश इसके लिए संस्थागत प्रणाली विकसित करेगा.
• इस समझौते के क्रियान्वयन पर आने वाले खर्च को प्रत्येक पक्ष स्वयं ही वहन करेगा.
• समझौते के परिणामस्वरूप बीबीआईएन देशों के बीच यात्री और सामान की निर्बाध आवाजाही होने से व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी. जिससे अंततः पूरे क्षेत्र का आर्थिक विकास सुनिश्चित होगा.
• इस समझौते के तहत चारों देशों के बीच नागरिकों, माल और वाहनों के निर्बाध आवागमन की सुविधा से क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने में मदद मिलेगी.
• बीबीआईएन एमवीए वाहनों के आवागमन को सुगम बनाएगा और माल, वाहनों और लोगों के सीमा पार आवागमन में सुगमता आएगी.
• सभी चारों देश बीबीआईएन एमवीए के क्रियान्वयन के लिए जुलाई से दिसंबर 2015 तक छह महीने की कार्ययोजना को लागू करने का प्रयास करेंगे.
• इस परियोजना का क्रियान्वयन अक्टूबर 2015 में किया जाएगा.
• परियोजना क्रियान्वयन की कार्य योजना के तहत बीबीआईएन एमवीए का विस्तार अगस्त 2014 तक पूरा होने की उम्मीद है.
विश्लेषण
बीबीआईएन (बांग्लादेश, भूटान, इंडिया व नेपाल) मोटर वाहन समझौते का प्रस्ताव नवंबर 2014 में काठमांडू में आयोजित दक्षेस सम्मेलन के दौरान किया गया था. परन्तु पाकिस्तान की आपत्ति के कारण इस पर हस्ताक्षर नहीं हो सके थे. इस दक्षेस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाग लिया था.
काठमांडू दक्षेस सम्मेलन के घोषणापत्र में तय हुआ था कि पारस्परिक संपर्क में बढ़ोत्तरी के लिए सभी सदस्य एक-दूसरे के बीच सड़क यातायात को प्रोत्साहन देंगे. उसी के बाद बीबीआईएन समझौते का प्रस्ताव सामने आया था.
इसी क्रम में फरवरी 2015 में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से बीबीआईएन देशों के परिवहन सचिवों की बैठक हुई थी. उसी में बीबीआईएन मोटर वाहन समझौते के प्रारूप पर विस्तृत चर्चा हुई और इसे अंतिम रूप दिया गया.
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